कभी कभी हालात इंसान को इतने मजबूर कर देते है, कि उसे अपने सपनो और अपनों ,में से एक को चुनता है। लेकिन कई लोग बड़ी ही समझदारी से दोनों ही परिस्थतियो का ध्यान रखते है। और पूरी तरह से मेहनत करते है। और आज की हमारी कहानी है, पूनम दलाल दहिया जी की। जिन्होंने अपने गर्भ के नौवें महीने में भी अपने सपनो का साथ नहीं छोड़ा। और उनकी इस मेहनत और हिम्मत के कारण वो आज एक अच्छे पद पर तैनात है। और देश सेवा कर रही है। देश के अन्य युवाओ के लिए एक मिसाल बन चुकी है। और किसी भी महिला की गर्भवती स्थति में आराम करना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। और ऐसे में अगर आपको अपने सपने भी पुरे करने हो, तो दबाव थोड़ा बढ़ जाता है। और मुश्किल भी बढ़ जाती है। और पूनम दलाल दहिया जी के जीवन में कई बार सरकारी नौकरी के लिए उन्हें चुना गया , लेकिन वो सिर्फ आईएएस ही बनना चाहती थी , इसलिए उसी पर डिगी रही।
हरियाणा से है पूनम दलाल दहिया
बता दे कि, पूनम दलाल दहिया जी हरियाणा के झज्जर की रहने वाली है। और एक हिम्मती लड़की भी। है। और जिस वक़्त उनकी परीक्षा थी, उसी वक़्त उनके पेट में उनका बच्चा भी पल रहा था। ऐसे में नौवे महीने के दर्द भी उन्होंने परीक्षा दी। और न सिर्फ परीक्षा दी। बल्कि उसे पास करके एक अच्छी खासी रैंक भी हासिल की। और सफलता की एक नई इबारत लिख ही डाली।
21 साल की उम्र में बनी थी टीचर
एक समय पूनम के जीवन में ऐसा भी था, कि जब वो एक टीचर के पद पद भी थी। और उन्होंने साथ ही कुछ बड़ा करने का लक्ष्य भी रखा था। लेकिन इसी बीच पूनम ने बैंक की सरकारी नौकरी के लिए भी तैयारी की थी, जिसमे उन्हें सफलता भी मिल गयी थी। और उन्होंने टीचर की नौकरी छोड़कर बैंक में भी जॉब की थी। लेकिन इन सब के बीच में उनके मन में एक सपना भी पल रहा था। वो था यूपीएसी की परीक्षा पास करने का।
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हासिल किया 308 वा रैंक
वैसे तो पूनम ने पहले भी दो बार यूपीएसी की परीक्षा पास कर ली थी , लेकिन उन्हें मनचाही रैंक नहीं मिली, तो उन्होंने दोबारा से प्रयास भी शुरू किया। इन सबके बीच उन्होंने एक बेटे को भी जन्म दिया। और साथ साथ तैयारी भी करती रही थी। साल 2015 में पूनम ने यूपीएसी की परीक्षा फिर से दी। और न सिर्फ उसे पास किया, बल्कि उसमे 308 रैंक भी हासिल की। और आज पूनम दलाल एक कमिश्नर के तौर पर कार्यरत हो गयी है।
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