कहते है कि वक़्त परीक्षा तो हर किसी की लेता है, लेकिन संघर्ष सिर्फ कुछ गिने चुने लोगों से ही करवाता है। और यही खास बात है इस जीवन की, कि आज़माता तो सभी को है ,लेकिन उससे लड़ने की हिम्मत इंसान को खुद ही लानी पड़ती है। और कुछ ही लोग इस दुनिया सफल हो पाते है। और स्वयं को साबित कर पाते है। हालाँकि संघर्ष कितना मुश्किल होता है। ये तो सिर्फ इंसान खुद ही समझ सकता है लेकिन जीवन एक ऐसा वक़्त भी किसी किसी इंसान को देता है, जिसे कई बार इस जीवन को चलाने के लिए हालातों से भी लड़ना पड़ता है। और ये पेट की भूख ऐसी है कि, सोने भी नहीं देती है। आज की कहानी जानकर आप भी भावुक हो जायेंगे। क्योकि इस कहानी में आपको हम लड़की तेजल आहेर के बारे में बताएंगे । जिन्होंने रोज़ी रोटी के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी स कोचिंग फीस के लिए भी उनके पास पैसे नहीं थे। लेकिन फिर भी उन्होंने वो कारनामा करके दिखाया है। कि आप भी जानकर हैरान रह जाएंगे। तेजल आहेर ने महाराष्ट्र में आयोजित लोक सेवा आयोग की परीक्षा को न सिर्फ पास किया, बल्कि उसमे उन्हें उप निरीक्षक का पद भी मिला है।
महाराष्ट्र के नासिक से है तेजल आहेर
बता दे कि, ये बहादुर बेटी महाराष्ट्र के नासिक जिले से है। और बहुत ही गरीब परिवार में इनका जन्म हुआ है। लेकिन उन्हें कभी इस बात को अपनी कमज़ोरी नहीं बनने दिया है। और जीवन में सफलता हासिल की है। और इस बात का प्रमाण आप सभी क सामने है। और तेजल उन लोगो के लिए एक जवाब है, जो गरीबी का उलाहना लेकर कुछ नहीं करते है। और जीवन भर किस्मत के भरोसे बैठे रहते है। और सिर्फ अपनी तकदीर को कोसते रहते है।
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आंख भर आयी माता पिता की
तेजल ने लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करके उन्हें 15 महीने की ट्रेनिंग पर जाना था। और उसके बाद जब वो करीब 15 महीने sub inspectorकी ट्रेनिंग करके लौटी। तो वो वर्दी में अपने गाँव पहुंची थी। जहाँ पर उनके माता पिता उन्हें देखकर रो पड़े। और आसपास के गाँव के लोग को भी उन पर नाज़ है। और उनकी तारीफ कर रहे थे।
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