दिहाड़ी मज़दूर करने वाले के बेटे का हुआ अमेरिका के बेस्ट कॉलेज में चयन, मिली 2.5 करोड़ की स्कॉलरशिप, परिवार हुआ ख़ुशी से सराबोर

सपने कभी किसी की अमीरी या गरीबी देखकर नहीं आते है। ये तो कुछ ऐसे अरमान होते है, जो कोई भी व्यक्ति पूरी करने की इच्छा रखता है। और हालात चाहे जैसे भी हो, अगर इंसान के इरादे मजबूत है, तो वह कुछ भी काम कर सकता है। फिर चाहे उसे कितनी भी मुश्किलों से क्यों न गुज़रना पड़े। वह पीछे नहीं हटता है। और कहते है न कि, अगर हमे अपने खुद की मेहनत पर भरोसा है,तो हम खुद ही अपने हालातो को बदल सकते है। और फिर किस्मत को बदलते हुए भी देर नहीं लगती है। और आज की कहानी हम आपके लिए लेकर आये है है, वो बहुत ही खास है। क्योकि ये कहानी कोई आम कहानी नहीं है। फर्श से अर्श तक की कहानी है प्रेम कुमार ! एक महादलित छात्र, जो कि एक ध्याड़ी मज़दूर करने वाला के बेटा है और उनका सिलेक्शन अमेरिका के लाफायेट कॉलेज में ग्रेजुएशन करने के लिए स्कोलरशिप मिल गयी है। उन्हें लाफायेट कॉलेज की तरफ से 2.5 करोड़ की स्च्लेरशिप मिली है।

बिहार का है ये मेहनती छात्र
बिहार का है ये मेहनती छात्र

बिहार का है ये मेहनती छात्र

बता दे कि, ये मेहनती छात्र प्रेम कुमार है, और ये बिहार के फुलवारी शरीफ में गोनपुरा गांव के है। और बहुत ही गरीब परिवार से है। क्योकि उनके पिता बहुत मुश्किल से ध्याड़ी मज़दूरी करके अपने परिवार को पालते है। और प्रेम को इस तरह से उन्होंने पढ़ाया लिखाया था। लेकिन उनकी माता का निधन उनके लिए बहुत दुखद समय रहा है। लेकीन प्रेम ने खुद को बहुत ही समझदारी संभाली थी। अपने पढ़ाई पूरी की है। और अब उन्होंने इस 17 साल की उम्र में अमेरिका के बेस्ट कॉलेज में स्कोलरशिप पाकर अपने समाज का ही नहीं बल्कि देश का नाम भी रोशन किया है।

प्रेम कुमार को अमेरिका के लाफायेट कॉलेज से 2.5 करोड़ की स्कोलरशिप पाकर इतिहास ही रच दिया है
प्रेम कुमार को अमेरिका के लाफायेट कॉलेज से 2.5 करोड़ की स्कोलरशिप पाकर इतिहास ही रच दिया है

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प्रेम कुमार मिली 2.5 करोड़ की स्कोलरशिप

बता दे कि, प्रेम कुमार को अमेरिका के लाफायेट कॉलेज से 2.5 करोड़ की स्कोलरशिप पाकर इतिहास ही रच दिया है। क्योकि इससे पहले किसी भी महादलित छात्र ने इस तरह की स्कोलरशिप नहीं पायी है। तो प्रेम इस तरह से पहले ऐसे छात्र बन गए है। वाकई में ही ये बात पुरे समाज के लिए गर्व भरी है।

ससे पहले किसी भी महादलित छात्र ने इस तरह की स्कोलरशिप नहीं पायी है।
ससे पहले किसी भी महादलित छात्र ने इस तरह की स्कोलरशिप नहीं पायी है।

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