भारत में ऐसी कई रहस्यमयी जगहें हैं। जिनके बारे में तरह तरह की बातें जो चौकाने वाली होती हैं प्रचलित हैं। लेकिन आज हम सबसे ख़ास बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि प्रामाणिक मानी जाती हैं। और पूरी दुनिया के लिए भारत आकर्षण का केंद्र बना हुआ हे। जिसकी वजह से दुनियाभर के विचारकों, अनुसंधानकर्ताओं, और जिज्ञासुओं के लिए भारत कोतुहल का विषय बना रहता हे। जो उन्हें भारत की और खींच लाती हे। इन्हीं में से कुछ महत्वपूर्ण स्थान
भगवान् के खजाने वाला पद्मनाभ स्वामी मंदिर
पद्मनाभ स्वामी मंदिर दक्षिण भारत का ऐसा मंदिर जिसके तहखाने/खजाने से एक लाख करोड़ से भी अधिक की संपत्ति सरकारी हस्तक्षेप से प्राप्त हुई। जिसमे कई प्रकार के रत्न धातुएं वगैरह बेसकीमती सामान प्राप्त हुआ। परन्तु मंदिर का सबसे ख़ास तहखाना जो हाईकोर्ट के आदेश से खुलने जा रहा था। खुलने से पहले कई प्रकार की अनहोनी घटनाएं होने से यह कार्य स्थायी रूप से बंद कर दिया गया। माना जाता हे कि यहां पर मोजूद खजाना भगवान् विष्णु का हे। जिसकी रक्षा वे स्वयं करते हैं और वहाँ पर खजाने की रक्षा के लिए नागों का पहरा होता हे जिस तहखाने के खजाने से होकर एक रास्ता धरती हे नीचे पाताल तक जाता हे जहां पर भगवान् नारायण का वास हे।
धरती का केंद्र कैलास, मानसरोवर
कैलास मानसरोवर यूं तो चीन में स्थित हे। लेकिन भारतीयों में यह स्थान उनके दिलोदिमाग में इस कदर बसा हुआ हे कि मानने को कोई भी तैयार नहीं कि यह महत्वपूर्ण स्थान किसी दूसरे देश का हिस्सा हे। जिसे तिब्बत ,नेपाल, और भारत का महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र के रूप में प्रतिष्ठा हे।
माना यह भी जाता हे कि पश्चिमी वैज्ञानिकों के इतर पूर्वी देशों के वैज्ञानिक और विचारक इस पर्वत को धरती का केंद्र मानते हैं। जिसके लिए इनके पास प्राचीन ग्रन्थ और आधुनिक विज्ञान के भी कई सारे निष्कर्ष ऐसे हैं जो यहां पर धरती का केंद्र होने का दावा पुख्ता करते हैं। जिनमे धरती का चुंबकीय नाभिकीय ध्रूव जो दिशाओं के ज्ञान का सूचक हे यह बिंदु इस स्थान पर हे।
द्धारिका नगरी मिल चुकी खोजकर्ताओं को
भगवान् श्री कृष्ण की लीला नगरी द्धारिका का ऐतिहासिक धार्मिक महत्व कितना हे इस बात का अंदाजा लगाना भी मुश्किल हे ।प्राचीन समय की धार्मिक महत्व की नगरी पर तरह तरह के शोध कार्य होते रहते हैं जिसकी वजह से खोजकर्ताओं की खोज सफल हुई । और श्रीकृष्ण की जो द्धापर युग में भव्य नगरी समाप्त हो चुकी थी। उसके अवशेष समुद्र में मिले जिसमे कई प्रकार के पिलर और अवशेष प्राप्त हुए जो आधुनिक खोजकर्ताओं की महानतम खोजों में शामिल हे।
शनिशिगनापुर जहां के घर बिना दरवाजों के
यह स्थान जो अहमदाबाद से 65 किलोमीटर दूर हे यहां के अधिष्ठाता देवता शनि महाराज हैं । जो नवग्रह में एक देवता हैं जिनको अनिष्टकारी देवता भी माने जाते हैं। लेकिन जब यह प्रसन्न होते हैं तब अपने भक्तों के लिए न्याय के देवता के रूप में भी माने जाते हैं। शिगनापुर के बारे में दिलचस्प बात मशहूर हे कि यहां पर दरवाजे नहीं होते और आम धारणा यह हे कि यहां दरवाजों की जरूरत ही नहीं क्योंकि यहां की हर वस्तु सामान की रक्षा स्वयं शनिदेवता करते हैं।
वृन्दावन रात में आते हैं श्री कृष्ण
रहस्यों से भरा हे भगवान् श्रीकृष्ण का लीलामय धाम वृन्दावन जिसमे भगवान् की लीलाएं पग पग पर उनकी गाथाएं मुखज़ुबानी के रूप में सुनने को मिलती रहती हैं । यहां पर रात को कई प्रकार की आवाजें आती हैं और भगवान् के लिए यहां के रंगमहल में दैनिक भोजन वस्त्र वगैरह रात्रि को उनके विशेष कमरे में रखा जाता हे जो सुबह को वहां उपयोग किया हुआ दिखता हे।
यहां निधिवन में रोज रात्रि को भगवान् गोपियों के साथ रासलीला करते हैं जहां पर अगर रात में आम इंसान जाता हे तो उसके साथ अनजानी घटनाएं होती हैं।