भारत में बहुत से रेलवे स्टेशन देखे होंगे। और उनमे सफर भी किया होगा। आमतौर पर लम्बी यात्रा के लिए लोग रेल की यात्रा को चुनते है। और उसका आनंद लेते है। लेकिन क्या आपने कभी उन्ही रेल या ट्रैन में ट्रैन की छत्त पर कभी उन डब्बो पर ध्यान दिया है। कि वे क्यों लगाए जाते है ? या फिर उनका क्या महत्व होता है? आज के इस लेख में हम आपको इसी महत्व के बारे में बताएंगे। जो की आपके लिए जानना बहुत ही दिलचस्प रहेगा। क्योकि शायद बहुत ही कम लोग ट्रैन के ऊपर लगे इस डिब्बे के बारे जानते है। क्योकि इस डिब्बे के बिना इस ट्रैन में बहुत सी दिक्क्तों का सामना करन पड़ सकता है। क्योकि इसी train डब्बे के कारण ट्रेन में तापमान बना रहता है। और अंदर गर्मी नहीं होती है । क्योकि ये एक वेंटिलेटर की तरह काम करता है। और ये किसी भी train के लिए ज़रूरी होता है। और आपने कई बार रेल यात्रा के दौरान ऐसा देखा। कि ट्रैन के ऊपर वाली छत्त पर ये डब्बे जैसी संरचना बनी होती है।
क्यों लगे होते है ये डिब्बे train की छत्त पर
सबसे खास और जानने वाली बात तो ये है कि, ये डिब्बे रेल के ऊपरी हिस्से में ही क्यों लगे होते है। और आखिर ये छत्त पर लगाए जाने का मुख्य उद्देश्य क्या है ?दरसल इन रेल यात्रा में हर साल कई साल कई यात्री रेल यात्रा का आनंद लेते है। और हर साल ही कई बार इस रेल में गर्मी होती है। और उसी गर्मी से बचने के लिए ये डिब्बे ट्रैन की छत्त पर ऐसे लगाए जाते है। ताकि तापमान में कोई अंसतुलन न हो। और गर्मी बढ़ने से यात्रा में कोई दुलर्भता न आये। और यात्रा में भी सुलभता होती है। और यात्रा आसान हो जाती है।
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रेल यात्रा डिब्बों के दूसरी तरफ क्यों लगी होती है जालिया
जहाँ ट्रैन में एक तरफ डिब्बे लगे होते है। और वहीँ दूसरी तरफ भी जालिया लगी होती है। क्योकि इन्ही जालियो के कारण ये डिब्बे एक रूफ वेंटिलेटर के रूप में काम करता है। और उसे एक सुरक्षा भी देता है। और जिन में ये ट्रेनों में जालिया नहीं होती है, तो उनमे छेद होते है। जो कुछ इसी तरह से काम करते है।
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