आपने कई ऐसे अधिकारियो के बारे में सुना होगा, जो अपने रौबदार अंदाज़ के लिये जाते है।और एक अलग ही पहचान समाज में रखते है। लेकीन ये सच है। क्योकि बाड़मेर जिले में कार्यरत जिला कलेक्टर ओमप्रकाश बिश्नोई जी ने ओमप्रकाश विश्नोई जी उनके कलेक्ट्रट ड्राइवर जी मदनदास जी को उनके रेस्टॉरेंट के मौके पर उन्हें खुद ही घर छोड़ने गए थे।और ये बहुत ही अनोखी बात है, कि, किसी जिलाधिकारी ने ऐसा नही किया हैं , कि इस तरह से ड्राइवर को किस अधिकारी ओमप्रकाश विश्नोई ने यूँ पहली बार कभी ऐसे रिटायरमेंट के मौके पर यूँ खुद घर छोड़ा हो । क्योकि बहुत ही कम अधिकारी ऐसे होते है , जो ऐसे इस तरह से अपने ड्राइवर को उनकी सेवा का इस तरह से सम्मान दिया हो। और मदनदास जी ऐसे पहले ड्राइवर होंगे जिन्हे ऐसा सम्मान दिया गया है। वैसे बात सही भी है, क्योकि हर पद के व्यक्ति को सम्मान देना चाहिए। और ओमप्रकाश बिश्नोई जी जिलाधिकारी होते हुए भी अपने पद का कोइ घमंड नहीं करते है। और सम्मान के साथ खुद उन्हें छोड़कर आये थे।
ओमप्रकाश विश्नोई 40 साल सेवा की है मदनदास जी ने
बाड़मेर में स्थित जिला कलेक्ट्रट का ऑफिस में मदनदास जी ने करीब 40 साल तक जिला कलेक्टर के ऑफिस में सेवा दी है।और एक ड्राइवर के रूप में काम किया है। और इसी का परिणाम हुआ कि, अब मदनदास जी को उनके ड्राइवर होने के फलस्वरूप उन्हें सम्मान मिल गया है। और ये वाकई में बहुत सूंदर बात है।
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भावुक हो गए मदनदास जी
ओमप्रकाश विश्नोई IAS इस मौके पर मदनदास जी भावुक हो गए थे। वैसे कोई भी होता, तो इस मौके पर भावुक हो जाता है। क्योकि ऐसा सम्मान हर किसी को मिलता है। और इस मौके पर भावुक होते हुए बोले कि, मुझे आज तक ऐसा सम्मान भरा तोहफा मिला है। और ये उनका अब तक का यादगार समय रहा है।
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