माँ बाबा का सपना था कि, बिटिया अफसर बने, और बेटी ने भी उनके सपने के लिए छोड़ दी 31 लाख रुपए की नौकरी, और दूसरी बार में बन गयी आईएएस अफसर

अपनेर संघर्षो के लिए तो हर कोई प्रयास करता है। लेकिन माता पिता पिता की इच्छा के लिए प्रयास करना बहुत बड़ी बात होती है। और बात भी सही है, जितना आनंद हमे अपने माता पिता की इच्छा पुरी करने में मिलता है, उतना दुनिया की किसी भी ख़ुशी में नहीं होता है। क्योकि दुनिया में एक माता पिता ही ऐसे इंसान होते है, जो हमारा भला सोचते है, और हमारी सफलता के लिए सच्चे दिल से कामना करते है। और सही भी है। हमने हमारे माता पिता से ज्यादा कोई अच्छे से नहीं समझ सकता है।और वे भी हमारा अच्छा बुरा निश्चित कर सकते है। हालाँकि आज की बढ़ती युवा पीढ़ी भले ही आधुनकिता से परिपूर्ण हो, लेकिन माता पिता की आज्ञा के साथ मिलकर अगर ये सब किया जाए, तो क्या ही कहने। क्योकि हमने ये नहीं भूलना नहीं चाईए कि, हमारे पिता माता हमारे लिए हमेशा अच्छे और सच्चे दिल से कामना करते है। और आज की कहानी भी एक ऐसी ही बेटी की है, जिसमे उन्होने पानी अपने माता पिता की इच्छा को पूरा करने के लिये अपनी लाखो की नौकरी छोड़ दी। और आईएएस अफसर बन गयी है। आईये जानते है श्रुति राजलक्ष्मी की इस ख़ास कहानी के बारे में।

झारखण्ड से है श्रुति राजलक्ष्मी
झारखण्ड से है श्रुति राजलक्ष्मी

झारखण्ड से है श्रुति राजलक्ष्मी

बता दे कि, श्रुति राजलक्ष्मी जी झारखंड के रहने वाली है। और श्रुति राजलक्ष्मी जी जी ने बहुत मेहनत के साथ इस परीक्षा की तैयारी की है। और जिसके परिणाम स्वरुप आज श्रुर्ति राजलक्ष्मी जी सफलता के उच्च शिखर पर है। और एक अनोखी सफलता को जी रही है। और श्रुति राजलक्ष्मी जी ने हाल में अपने माता पिता के इस सपने को पूरा कर दिखाया है। और आज वे बहुत खुश भी है।

श्रुति राजलक्ष्मी जी बेंगलूरु में एक हाई- टेक कम्पनी में काम कर रही थी। और उन्होंने कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की है।
श्रुति राजलक्ष्मी जी बेंगलूरु में एक हाई- टेक कम्पनी में काम कर रही थी। और उन्होंने कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की है।

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31.5 लाख रुपए के पैकेज पर कर रही थी काम

बता दे कि, श्रुति राजलक्ष्मी जी बेंगलूरु में एक हाई- टेक कम्पनी में काम कर रही थी। और उन्होंने कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की है। और उसके बाद उनकी बेंगलूरु में जॉब लग गयी थी। और उसके बाद उन्हें उस कम्पनी में 31.5 लाख रुपए के पैकेज पर जॉब लग गयी थी। लेकिन उनके माता पिता ने उनसे अफसर बनने की इच्छा जताई थी। और आज श्रुति राजलक्ष्मी एक आईएएस बन गयी है।

आज श्रुति राजलक्ष्मी एक आईएएस बन गयी है।
आज श्रुति राजलक्ष्मी एक आईएएस बन गयी है।

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