आज के इस बदलते समय में शिक्षा कितनी ज़रूरी है, ये हम सभी को मालूम है। और आज के इस समय में हर इंसान शिक्षा के लिए प्रयास करता है। और एक गरीब व्यक्ति भी अपने बच्चे को पढ़ाने की चाह रखता है।और पढ़ाता भी है। क्योकि कहीं न कहीं वो ये जानने लग गए है, कि शिक्षा एक एक ऐसा अस्त्र है, जिससे मानव अपना भविष्य बदल सकता है। और एक अच्छे जीवन की कल्पना भी कर सकता है। और वाकई में ये बात बिलकुल सही भी है। क्योकि आज के इस समय में चाहे कुछ भी हो, शिक्षा किसी भी स्तर को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। और ग्रामीण हो या शहरी, हर जगह शिक्षा का ही बोलबाला है। और आज हर इंसान इसके लिए प्रयास कर भी रहा है। और बेहतर भविष्य की कल्पना भी सच होती भी दिख रही है।और आज तो वैसे भी शिक्षा सरकारी योजनाओ के चलते मुफ्त में शिक्षा भी मिल रही है। और इसी के चलते कई लोग मज़बूरी और मजदूरी करने के चलते अपने बच्चो को शिक्षा नहीं दे पाते है। वो भी इस मुफ्त शिक्षा की योजना का लाभ उठा सकते है। लेकिन आज हम एक ऐसे व्यक्ति की कहानी लेकर आये है। मिलन मिश्रा जो कि, खुद एक पैर से लाचार है। लेकिन वो खुद 20 किलोमीटर साइकिल से चलकर जाते है। और गरीब बच्चो को पढ़ाते है।
उत्तर प्रदेश से है मिलन मिश्रा
बता दे कि ये मिसाल देने वाले शिक्षक और कोई नहीं मिलन मिश्रा जी है। जो कि उत्तर प्रदेश के सीतापुर के रहने वाले है। और उन्हें किसी परेशानी के काऱण एक पैर में परेशानी आ गयी थी। लेकिन उन्होंने फिर भी हार नहीं मानी और हिम्मत से डटे रहे थे। उन्हे पढ़ाना बहुत पसंद है। और वे आज भी अपने एक पैर के ही बल पर दूसरे पैर से लाठी के सहारे साइकिल चलाकर करीब 20 किलोमीटर रोज कई गरीब बच्चो को मुफ्त में पढ़ाने जाते है ,ये वाकई में बहुत सराहनीय है। ऐसे शिक्षकों को सलाम है।
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