विदेश की जिस जॉब के लिए तरसते है लोग, वही नौकरी छोड़कर आया ये शख्स, और जोखिम उठाकर शुरू किया है, ये काम, और आज…

भारत में रोजगार ,सबसे ज्यादा खेती विभाग में ही मिलता है। भारत के लोग और किसी काम से ज्यादा खेती करते हैं। आज भारत में अन्न की कोई कमी ना होने के कारण हमारे किसान भाई हैं। जो अपनी मेहनत और लगन से काम करते हैं। फसल उगाते हैं ,और हम तक पहुंचाते हैं। ऐसे किसान भाइयों को हम दिल से धन्यवाद करते हैं ।आज हम ऐसे ही किसान भाई के बारे में जानेंगे ,आदित्य गोयनका जिन्होंने अपने लाखों की नौकरी छोड़कर भारत में खेती करना शुरू कर दिया । किसान होना कोई छोटी बात नहीं है यह बहुत बड़े गर्व की बात है ।खेती से ज्यादा अच्छा नहीं , यह एक ऐसा रोजगार है एक ऐसा बिजनेस है, जो कभी बंद नहीं हो सकता। क्योंकि खाना तो सभी को चाहिए ही।

30 वर्षीय आदित्य गोयनका जो बिहार रहने वाले हैं।
30 वर्षीय आदित्य गोयनका जो बिहार रहने वाले हैं।

लाखों की नौकरी छोड़ शुरू किया मछली का चारा बेचने का बिजनेस

आज के समय में नौकरी मिलना बहुत कठिन है, क्योंकि पापुलेशन इतनी बढ़ गई है कि लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा। वहीं कुछ ऐसे लोग हैं, जो अपने शौक से काम करना पसंद करते हैं। ऐसे ही शख्स हैं, आदित्य गोयनका। जिन्होंने लाखौं की नौकरी छोड़ दी। 30 वर्षीय आदित्य गोयनका जो बिहार रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा संपन्न करने के बाद इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। और विप्रो तथा इंफोसिस जैसी कंपनियों में जॉब किया। यहां उनकी सैलरी 18 लाख रुपए थी परंतु उन्होंने वर्ष 2017 में इसे छोड़ने का निश्चय किया। क्योंकि वह कुछ अलग करना चाहते थे।उन्होंने अपने पिता के कोल्डस्टोरेज बिजनेस को संभाला।

मछली का चारा बनाने का बिजनेस बहुत ही लाभदायक है।
मछली का चारा बनाने का बिजनेस बहुत ही लाभदायक है।

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आदित्य गोयनका शुरू किया खुद का बिज़नेस

उन्होंने मछली का चारा बनाने का बिजनेस प्रारंभ किया। उनका कहना है, मछली का चारा बनाने का बिजनेस बहुत ही लाभदायक है। क्योंकि इससे इसमें आपको सरकार की तरफ से 40% की सब्सिडी भी मिलती है। जो आपके बिजनेस के लिए बहुत अच्छी बात है। यह हर साल लाखों रुपए मुनाफे का कमाते हैं। पहले इन्होंने मछली पालने का सोचा ,और इनको चारा बाहर से खरीद के लाना पड़ता था। इसीलिए इन्होंने फिर चारा उगाने का सोचा ,जिसमें इनको करोड़ों की लागत आई। लेकिन अब इनको मुनाफा भी बहुत हो रहा है। लोग दूर-दूर से इनके यहां आते हैं ,चारा खरीदने। क्योंकि यह कोई भी बीच में किसी और को नहीं रखते हैं। जिसके कारण चारे का मूल्य सस्ता रहता है ,और मछली पालन करने वाले किसानों के लिए यह फायदेमंद साबित होता है।

आसान नहीं है मछली पालन का काम
आसान नहीं है मछली पालन का काम

आसान नहीं है मछली पालन का काम

मछली पालना कोई आसान काम नहीं होता ,और उससे भी मुश्किल काम होता है मछलियों के लिए चारा उगाना ।जो किसान पहले मछलियां पालते थे ,उन किसानों को मछलियों का चारा बाहर से लाना पड़ता था। जो बहुत महंगा पड़ता था। क्योंकि इसके उपज तक ये बहुत ही चरणों से गुजरता है। जिसके कारण और फिर इसको बेचने के लिए, किसान और मछली पैदावार मछली पालन करने वाले किसान के बीच कई तरह के मीडिएटर आ जाते हैं,और सभी अपना अपना लाभ पाने पाने की कोशिश करते हैं जिसके कारण किसान से लेकर मछली पालने वाले किसान तक पहुंचते-पहुंचते इन चारों का दाम महंगा हो जाता था।

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