फिल्मों की दुनिया में हमेशा से ये धारणा रही है कि स्क्रीन पर दिखने वाला अभिनेता खूबसूरत हो।बॉलीवुड में एक एक जमाने तक अभिनेताओं की छवि को इसी दृष्टिकोण से देखा गया। लेकिन जब ओमपुरी, नसीरुद्दीन शाह और नाना पाटेकर की एंट्री हुई, अभिनेताओं की गुड लुकिंग को ले..लेकर ये धारणा टूटने लगी। नाना पाटेकर भी उस वक्त हीरो बनने के ऐसे मापदंडों पर खरे नहीं उतरते थे। नाना पाटेकर बॉलीवुड के सबसे बेहतरीन कलाकारों में से एक हैं।उन्होंने फिल्मों में अपने अभिनय से एक बड़ी फैन फॉलोइंग तैयार की है। लोग उनके अभिनय के दीवाने हैं और संवादों को सुनना पसंद करते हैं। हाल ही में विवादों की वजह से भी इनका नाम खूब चर्चा में रहा।
नाना पाटेकर के साथ थीं प्यार में
मगर उनके पास एक्टिंग और दमदार आवाज का जो मिश्रण था, उसने उन्हें अलग पहचान दिलाई। अंकुश, प्रहार, क्रांतिवीर, यशवंत जैसी फिल्मों में उनके किरदार के अंदर एक आक्रोश एक क्रांति देखने को मिली।नाना पाटेकर का जन्म 1 जनवरी 1951 को मुंबई में हुआ था।
. उनके असल जीवन की बात करें तो वे एक गरीब परिवार से थे. उनका जीवन काफी गरीबी में गुजरा.उनके पिता का बिजनेस बंद हो गया था. इस दौरान परिवार को मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा।
नाना ने रोजी रोटी चलाने के लिए जेबरा क्रॉसिंग और फिल्म के पोस्टर्स पेंट किए. वे एक जगह पार्ट टाइम जॉब करते थे जहां पर उन्हें दिन का 35 रुपए और एक दिन का खाना मिलता था।
नाना का स्वभाव काफी सशक्त माना जाता है. इसका एक उदाहरण ये है कि प्रहार फिल्म की शूटिंग के लिए उन्होंने 3 साल तक आर्मी ट्रेनिंग प्रोग्राम का हिस्सा रहे.इसके लिए उन्हें कैप्टन की रैंक भी मिली थी. बहुत कम लोगों को पता होगा कि नाना एक शानदार कुक भी हैं।
वे तरह तरह के व्यंजन पकाना पसंद करते हैं और खानों के साथ प्रयोग करते हैं। यही नहीं वे पार्टी के दौरान महमानों के लिए खुद खाना पकाना और सर्व करना पसंद करते हैं।
चाहें वे संजीदा किरदार हो या फिर कॉमिक, चाहें रोमांस हो या निगेटिव रोल उन्होंने हर तरह के किरदार को खुद में ढाल कर इस तरह पेश किया कि सारे किरदार दर्शकों के जेहन में कैद हो गए।
उन्हें पद्मश्री, नेशनल अवॉर्ड और फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है।हमारे इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आप सबका धन्यवाद और इस प्रकार की ओर भी रोचक खबरे जानने के लिए हमारी वेबसाइड ”Samchar buddy.com से जुड़े रहे है।