एकादशी के दिन इन नियमों का पालन करने से आपकी मनोकामना होगी पूरी

एकादशी के दिन इन नियमों का पालन : एकादशी माह में दो बार आती है और इस दिन महिलाओं का बाल धोना वर्जित होता है, महिलाओ को इस दिन भूल कर भी बाल नही धोना चाहिए क्योकि चन्द्रमा हमारे मस्तिष्क को प्रभावित करता है, इससे व्रत रखने में कई कठिनाईयां आती है, इसीलिए एकादशी के एक दिन पहले बाल धो ले।निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पंजीरी और चरणामृत का भोग लगाना चाहिए।इस भोग में तुलसी के कुछ पत्ते डालने से जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है। इससे भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। विष्णु भगवान के भोग में तुलसी दल मिलाना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

 एकादशी पर क्या करें?
एकादशी पर क्या करें?

महाकालेश्वर मंदिर के रहस्य

एकादशी पर क्या करें?

  1. इस दिन सुबह जल्दी उठकर नहाएं और स्नान के बाद तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं।
  2. भगवान विष्णु के सामने व्रत और दान का संकल्प लेना चाहिए।
  3. दिनभर कुछ नहीं खाना चाहिए।
  4. दिन में मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर दान करना चाहिए।
  5. किसी मंदिर में भोजन या अन्न का दान करना चाहिए।

एकादशी के दिन इन नियमों का पालन करने से क्या होता हैं?

एकादशी माह में दो बार आती है और इस दिन महिलाओं का बाल धोना वर्जित होता है, महिलाओ को इस दिन भूल कर भी बाल नही धोना चाहिए क्योकि चन्द्रमा हमारे मस्तिष्क को प्रभावित करता है, इससे व्रत रखने में कई कठिनाईयां आती है, इसीलिए एकादशी के एक दिन पहले बाल धो ले।

एकादशी के नियम क्या क्या होते हैं?
एकादशी के नियम क्या क्या होते हैं?

एकादशी पूजा विधि,सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं,घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें,भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें,भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें,अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें,भगवान की आरती करें,भगवान को भोग लगाएं इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें.

विष्णु भगवान को क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?

भगवान विष्णु की पूजा में अगस्त्य का फूल, माधवी और लोध के फूल का उपयोग नहीं किया जाता है। ये भगवान को पसंद नहीं है। इनके साथ ही विष्णु जी की मूर्ति पर अक्षत यानी चावल नहीं चढ़ाए जाते हैं।

विष्णु भगवान को क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?
विष्णु भगवान को क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?

अधिक मास की एकादशी कब है?

परमा एकादशी  हिंदू पंचांग के अंतर्गत प्रत्येक माह की 11वीं तीथि को एकादशी कहा जाता है। एकादशी को भगवान विष्णु को समर्पित तिथि माना जाता है। एक महीने में दो पक्ष होने के कारण दो एकादशी होती हैं, एक शुक्ल पक्ष मे तथा दूसरी कृष्ण पक्ष मे।इस दौरान 12 अगस्त को परमा एकादशी का व्रत रखा गया।

अधिक मास की एकादशी कब है?
अधिक मास की एकादशी कब है?

अधिक मास में पड़ने वाली एकादशी को परमा एकादशी ने नाम से जाना जाता है। 19 साल बाद सावन में अधिकमास की परमा एकादशी आई है। इस बार अधिकमास के कृष्ण पक्ष की परमा एकादशी 12 अगस्त 2023 को रखा गया है ।हमारे इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आप सबका धन्यवाद और इस प्रकार की ओर भी रोचक खबरे जानने के लिए हमारी वेबसाइड ”Samchar buddy” से  जुड़े रहे।

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