बॉलीवुड में हर किसी की अपनी ही कहानी है जिसे लोगों ने कभी पसंद किया तो कभी इसकी आलोचना की। बहुत से सितारों की लव स्टोरीज आपने देखी और सुनी होगी लेकिन आज हम आपको बॉलीवुड की आशा ताई यानी आशा भोसले के बारे में कुछ बातें बताएंगे। 16 की उम्र में दीदी की पीए से शादी कर पछताई थीं आशा भोसले, क्या आप जानते हैं इनके बारे में ये बातें?आशा भोसले और पंचम दा की जोड़ी ने सिनेमाई संगीत की दुनिया में राज किया। उनकी शादी को लेकर एक और दिलचस्प किस्सा लता मंगेशकर के वेडिंग गिफ्ट का है। पंचम दा अपनी ज्येष्ठ साली लता मंगेशकर को ‘दीदी’ बुलाते थे। इन दोनों ने भी साथ में ‘तेरे बिना जिंदगी से’, ‘इस मोड़ से जाते हैं’, ‘नाम गुम जाएगा’ और ‘तेरे बिना जिया जाए’ जैसे सुपरहिट गाने दिए थे। लता मंगेशकर ने चैतन्य पादुकोण की किताब ‘आरडी बरमनिया’ में पंचम दा संग अपने अटूट रिश्ते का जिक्र किया है। लता कहती हैं, ‘जब पंचम और आशा की शादी हुई उन्होंने मुझसे कहा कि दीदी हमें आपसे कोई महंगा तोहफा नहीं चाहिए।
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16 की उम्र में लता की पीए से शादी कर पछताई थीं आशा भोसले
बॉलीवुड में अरसे से सुरों की मल्लिका आशा भोसले ने अलग-अलग भाषाओं में 14 हजार गाने गाए हैं। 9 साल की उम्र में इनके पिता का देहांत हो गया था और अपनी बड़ी बहन लता मंगेशकर का साथ देने के लिए उनके साथ गाना और एक्टिंग करना शुरु कर दिया। इन्होंने जब करियर की शुरुआत मे काफी संघर्ष करना पड़ा, उस दौरन गीता दत्त, शमशाद बेगम और लता मंगेशकर का नाम इंडस्ट्री में हो चुका था। आशा ताई को 16 की छोटी उम्र में ही लता मंगेशकर के पर्सनल सेक्रेटरी गणपत राव भोसले से प्यार हो गया था और फिर शादी कर ली।
पति से अलग रहने के बाद आशा भोसले ने फिल्मों में अपना करियर बनाने पर ध्यान दिया और आगे बढ़ने लगीं। रिकॉर्डिंग के दौरान ही इनकी मुलाकात बर्मन से हुई और दोनों को प्यार हो गया। आशा भोसले ने 70, 80 और 90 के दशक में बहुत सारे सुपरहिट गानों को अपनी आवाज दी। इनके नाम साल 2008 में पद्मविभूषण, साल 2001 में दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। दो बार इन्हें नेशनल अवॉर्ड और फिल्मफेयर, जी सिने, इंटरनेशनल व्यूवर, स्क्रीन लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्डस से सम्मानित किया गया।
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आर डी बरमन से शुरु हुई लवस्टोरी
आशा भोसले से आरडी बर्मन की पहली मुलाकात 1970 की शुरुआत में हुई थी। तलाक के बाद पंचम दा जिंदगी के सफर में अकेले थे। इधर, आशा भोसले के पति गणपतराव भोसले का भी 1966 में निधन हो गया था। दोनों जिंदगी के एक ही सफर पर थे,
लेकिन अकेले-अकेले। आशा और पंचम दा ने साथ में खूब काम किया। ‘पिया तू अब तो आजा’ और ‘दम मारो दम’ जैसे जिन गीतों ने लिए आशा भोसले को पॉप्युलैरिटी और अवॉर्ड दोनों मिले, उन्हें पंचम दा ने ही कम्पोज किया था।हमारे इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आप सबका धन्यवाद और इस प्रकार की ओर भी रोचक खबरे जानने के लिए हमारी वेबसाइड ”Samchar buddy से जुड़े रहे।