AI ke चलते 2027 तक बढ़ जाएगी बिजली की खपत

नवीनतम शोध अनुसार, 2027 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ऊर्जा खपत छोटे देशों की वार्षिक बिजली की मांग से ज्यादा हो सकती है। जूल जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, AI तकनीकों का व्यापक इस्तेमाल बढ़ रहा है, जिससे उसकी ऊर्जा की जरूरत भी बढ़ रही है।  

जानिए कितनी होगी बिजली की खपत।

जैसा कि चैटजीपीटी जैसे जेनरेटिव AI प्लेटफार्म्स 2022 के बाद तेजी से बढ़ रहे हैं, वैसे ही इन्हें प्रशिक्षित करने में बिजली की अधिक खपत होती है। न्यूयॉर्क की एक AI कंपनी हगिंग फेस ने पता चलाया कि AI प्रशिक्षण में 433 मेगावट घंटे बिजली की खपत हुई, जो अमेरिका के 40 घरों की सालाना खपत के समान है।

डी व्रीज़, व्रीजे यूनिवर्सिटिट एम्स्टर्डम के शोधकर्ता ने दावा किया है कि यदि Google अब AI से अधिक सर्च करवाएगा, तो उसे प्रति वर्ष 30 TWh बिजली की जरूरत हो सकती है। उसने यह भी अनुमान लगाया है कि 2027 तक वैश्विक तर पर AI-संबंधित ऊर्जा की खपत 85 से 134 TWh तक हो सकती है। फिर भी, AI हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को अधिक कुशल और कम ऊर्जा-गहन बनाने की दिशा में काम हो रहा है, परंतु डी व्रीस का कहना है कि इससे केवल उनकी मांग बढ़ती है।

FAQ’S : Electricity usage in growing Ai world

एआई में कितनी बिजली का उपयोग किया जाता है?

एक अन्य सापेक्ष माप Google से आता है, जहां शोधकर्ताओं ने पाया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंपनी की कुल बिजली खपत का 10 से 15% हिस्सा है, जो 2021 में 18.3 टेरावाट घंटे थी।

एआई में कितनी बिजली का उपयोग किया जाता है?

एक अन्य सापेक्ष माप Google से आता है, जहां शोधकर्ताओं ने पाया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंपनी की कुल बिजली खपत का 10 से 15% हिस्सा है, जो 2021 में 18.3 टेरावाट घंटे थी।

क्या एआई बिजली के बिना काम कर सकता है?

एक कंप्यूटर जो बिजली के बजाय गर्मी का उपयोग करता है वह एल्गोरिदम चला सकता है जो तंत्रिका नेटवर्क और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को शक्ति प्रदान करता है – और उनके ऊर्जा बजट को कम कर सकता है।

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