नौकरी को छोड़कर चुना खेती का रास्ता, मिट्टी के घर बनाकर शुरू किया एग्रोटूरिस्म, और आज विदेशों से भी आते है लोग देखने

राजस्थान का एक कपल ने एग्रोटूरिस्म की शुरुआत की है। और राजस्थान का ये कपल एग्रोटूरिस्म को बढाकर आगे बढ़ा रही है। ओर तो ओर खेती से जुड़ी पशु पालन, मुर्गी पालन को भी बढ़ावा दे रहे है, इस कपल का नाम है इन्द्रराज जाट और सीमा सैनी। जिन्होंने अपने खेतो में मिटटी के घर बनाकर उनमे एग्रो टूरिज्म की शुरुआत की और आज उस घर को देखने और रहने के लिए कई लोग आते है। इन्द्रराज जाट और सीमा सैनी ने एग्रीकल्चर से पढ़ाई की है ,और दोनों के घर में भी खेती बाड़ी होती थी ,जिस कारण इन्द्रराज जाट के घर में खेती बाड़ी का माहौल भी था। और इससे भी उन्हें काफी मदद मिली। और उन्होंने साथ शुरुआत की एग्रोटूरिज्म की, जिसमे उन्होंने काफी कमाई करके न सिर्फ खुद को सक्षम बनाया है। बल्कि परिवार को भी उन पर काफी भरोसा हो गया है।

सीमा और इन्द्रराज जाट ने खेत में एक मिट्टी का घर अपने रहने के लिए बनाया था।
सीमा और इन्द्रराज जाट ने खेत में एक मिट्टी का घर अपने रहने के लिए बनाया था।

इन्द्रराज जाट ने खेत में बनाया था मिट्टी का घर

बता दे सीमा और इन्द्रराज जाट ने खेत में एक मिट्टी का घर अपने रहने के लिए बनाया था। और उनके द्वारा बनाया मिट्टी का घर सभी को इतना पसंद आया कि सभी लोगो ने वहां पर एक बार रहने की इच्छा जताई। और धीरे धीरे दूर दूर से वहां पर लोग आकर रहने लगे। और इस तरह उनका ये मिटटी का घर काफी फेमस होने लगा। और विदेशो से भी लोग वहां आने लगे और एग्रोटूरिस्म बढ़ने लगा।

ये मिटटी का घर काफी फेमस होने लगा। और विदेशो से भी लोग वहां आने लगे और एग्रोटूरिस्म बढ़ने लगा
ये मिटटी का घर काफी फेमस होने लगा। और विदेशो से भी लोग वहां आने लगे और एग्रोटूरिस्म बढ़ने लगा

शुरुआत की ग्रीन वर्ल्ड फाउंडेशन की

बता दे कि एग्रोटूरिस्म की इस खास और नयी सोच के साथ उन्होंने ग्रीन वर्ल्ड फाउंडेशन की शुरुआत की। जिसमे उन्होंने 8 से10 लाख तक के खर्च के साथ और भी मिटटी के कॉटेज तैयार करवाये। और अपने व्यापार को बढ़ावा दिया। और उन्होंने मुर्गी पालन, पशु पालन, गाय पालन, भी शुरू किया। जिसमे उनके द्वारा बनाये गए सारा माहौल सभी को बहुत पसंद आता है। और दूर दूर से बहुत से विदेशी लोग अपने बच्चो को भी मुर्गी पालन की जानकारी और गांव से जुडी हुई जानकारी भी दिला सकते है।

 इन्द्रराज जाट और सीमा सैनी ने गाँव के लगभग 8000 किसानो से मिलकर उनकी समस्या जानी।
इन्द्रराज जाट और सीमा सैनी ने गाँव के लगभग 8000 किसानो से मिलकर उनकी समस्या जानी।

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8000 किसानो से जानी उनकी समस्या

बता दे कि इन्द्रराज जाट और सीमा सैनी ने गाँव के लगभग 8000 किसानो से मिलकर उनकी समस्या जानी। और उनके लिए समाधान निकलने के लिए उन्हें एग्रोटूरिस्म की ट्रेनिंग भी दे रहे है। और उनका जीवन संवार रहे है।

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