समाज ने किन्नर होने की वजह तो ठुकराया ही, लेकिन जन्म देने वाली माँ ने भी धिक्कार दिया, कठिन मेहनत से बना देश का पहला किन्नर पायलट

कहते है कि, भगवान हर जगह नहीं पहुंच सकता है, इसलिए उसने माँ को बनाया। और माँ भगवान की सबसे सुंदर रचना होती है। इसलिए माँ पूजनीय होती है। लेकिन ऐसा क्या हो गया, कि एक माँ ने अपने ही बच्चे को घर से बाहर निकाल दिया। और सिर्फ समाज की घृणित सोच के कारण उसने ऐसा किया। मतलब उस माँ ने अपनी ममता के बारे में नहीं सोचा और घर से बाहर अपनी ही संतान को भटकने के लिए छोड़ दिया। और वजह थी कि वो बच्चा एडम हैरी साधारण नहीं था बल्कि एक किन्नर था। और यही वजह से उसे समाज ने ठुकराया ही, लेकिन उसकी अपनी माँ ने भी ठुकराया। जो कि बहुत दुःख की बात है। लेकिन आज यही किन्नर बच्चा एडम हैरी आज देश का पहला ट्रांस्जेंडर पायलट बन गया है। और उसकी हर कोई तारीफ़ कर रहा है।

किन्नर होने की वजह के कारण एडम हैरी को भी बहुत संघर्ष करना पड़ा।
किन्नर होने की वजह के कारण एडम हैरी को भी बहुत संघर्ष करना पड़ा।

माता पिता ने ही कर दिया प्रताड़ित

हम एक साधारण बच्चे की जीवन की कल्पना कर सकते है ,कि उसका जीवन बहुत साधारण तरीके से बीतता होगा। सभी उसे प्यार करते होंगे, और उसकी देखभाल करते है। लेकिन एक किन्नर बच्चे की ज़िंदगी ऐसी नहीं होती है ,बल्कि बिलकुल उलट हो जाती है। और उसे प्यार तो छोड़ो, बल्कि खुद के अस्तित्व के लिए भी लड़ना पडता है। और यही वजह के कारण एडम हैरी को भी बहुत संघर्ष करना पड़ा। बस उसने मुश्किलों से लड़कर खुद की पहचान बनाइ। और एक सफल पायलट का लाइसेंस हासिल किया।

एडम हैरी आज देश का पहला ट्रांस्जेंडर पायलट बन गया है
एडम हैरी आज देश का पहला ट्रांस्जेंडर पायलट बन गया है

 कई राते बितायी फूटपाथ पर

बता दे कि माँ ने एडम हैरी को घर से निकाल दिया। और वो दर बदर की ठोकरे खाने के लिए मजबूर हो गए। शुरु में तो एडम हैरी बहुत घबराये ,और उन्हें कई राते फुटपाथ पर ही बितानी पड़ी। और उस समय उन्हें बहुत दिक्क़ते होती थी। उस वक़्त उन्हें सहारा देने के लिए कोई नहीं था। लेकिन इन्ही मुश्किलों के बीच एडम हैरी के मन में पायलट बनने का भी ख्वाब पल रहा था। और जिसके लिए उन्होंने बहुत प्रयास किये।

राज्य सामाजिक न्याय विभाग की ओर से एडम हैरी करीब 24 लाख रुपए की स्कालरशिप मिली
राज्य सामाजिक न्याय विभाग की ओर से एडम हैरी करीब 24 लाख रुपए की स्कालरशिप मिली

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 केरल सरकार ने दी सहायता

एडम हैरी ने अपने मुश्किल भरे दिनों मे एक जूस की दुकान पर भी काम किया। और तब उन्हें सभी बहुत अजीब नज़रो से देखते थे। लेकिन एडम नहीं रुके और कुछ समय के बाद उन्होंने एक पार्ट टाइम जॉब भी की। एडम हैरी की ज़िंदगी में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया, जब केरल सरकार के राज्य सामाजिक न्याय विभाग की ओर से उन्हें करीब 24 लाख रुपए की स्कालरशिप मिली ,जिनसे वो अपने सपने पुरे कर पाए। और आज एक प्रेरणा बन गए है।

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