सिर्फ 12 वी पास है ये युवक, और उनका ये अविष्कार किसी वैज्ञानिक से कम नहीं, बना डाला खेतो के लिए ड्रोन, कर दिया है किसानो की घंटो की मेहनत को कम

आज के इस बदलते वक़्त में शिक्षा का बहुत महत्व है। लेकिन बहुत से लोग जो ऐसा सोचते है, कि सिर्फ डिग्रीयो के बल पर ही आप जीवन में सफलता पा सकते हो, तो ऐसा ज़रूरी तो नहीं है। क्योकि कहावत ये भी है कि डिग्रीयां बस आपके शिक्षा की रसीदे है। लेकिन हाँ, इन सबसे बढ़कर होता है ज्ञान की पूँजी। और उस पूँजी से कुछ आविष्कार करना। आज हम आपको एक ऐसे शख्स देवेश झा के बारे में बताने जा रहे है, जो भले ही 12 वी पास है, लेकिन उनके द्वारा किया गया अविष्कार को जानकर हैरान रह जायेंगे आप। दरअसल देवेश झा के नाम के इस व्यक्ति ने एक ड्रोन का निर्माण किया है। और ये कोई आम ड्रोन नहीं है, बल्कि उस ड्रोन से फसलों का सर्वे किया जा सकता है। और भविष्य में इस ड्रोन से फसलों के ऊपर कीटनाशक का छिड़काव करने की भी योजना है। और इससे किसानो की कई घंटो की मेहनत कम हो जायेगी।

इस अनोखे ड्रोन का अविष्कार करने वाले देवेश झा के पास कोई खास डिग्री या कोई डिप्लोमा नहीं है
इस अनोखे ड्रोन का अविष्कार करने वाले देवेश झा के पास कोई खास डिग्री या कोई डिप्लोमा नहीं है

12 पास है देवेश झा

बता दे कि इस अनोखे ड्रोन का अविष्कार करने वाले देवेश झा के पास कोई खास डिग्री या कोई डिप्लोमा नहीं है। लेकिन उनके पास जो था, वो था उन्ही किताबो को पढ़कर मिला ज्ञान और समझदारी ,जिसका प्रयोग देवेश झा ने इस आविष्कार में किया। और आज दुनिया को चौंका दिया है। क्योकि उनकी सोच किसानो के हित को लेकर काफी अच्छी है। वो सोचते है कि किसी तरह से किसानो की समस्या को कम किया जा सके। उनकी यही सोच उन्हें आगे ले गयी। जिसके कारण उन्होंने इतना बड़ा आविष्कार कर डाला।

डेबेस्ट नाम से एक स्टार्टअप की शुरूआत की थी देवेश ने
डेबेस्ट नाम से एक स्टार्टअप की शुरूआत की थी देवेश ने

डेबेस्ट नाम से एक स्टार्टअप की शुरूआत की थी देवेश ने

साल 2017 में एक खुद की कम्पनी स्टार्ट आप भी किया था। जिसमे उन्होंने करीब 10 लाख का निवेश भी किया था। उनकी इस कम्पनी का नाम है डेबेस्ट है। जो कि उनके हिसाबेँ से करीब 4 करोड़ रुपए का भी मुनाफा भी कमा चुकी है। और उनके हिसाब से उनकी कम्पनी के पास करीब 40 करोड़ के प्रोजेक्ट भी है ,जिस पर वो काम कर रहे है।

देवेश झा स्कूल के समय से थी कुछ करने की तीस

जब देवेश झा अपने स्कूल के दिनों में थे ,तो कक्षा 11 में उन्हें किसी कारणवश चोट लग गयी थी। जिसके कारण देवेश झा काफी देर हॉस्पिटल में भर्ती रहना पड़ा था। जिसके बाद देवेश ने एह्साह किया कि, अगर उन्होंने ज़िंदगी बड़ा काम किया होता तो इतना इंतज़ार नहीं करना पड़ता। 12 वी कक्षा पूरी करने के बाद देवेश दिल्ली जाकर रहने लगे।

देवेश को करीब 5 साल का समय लगा इसे बनाने में और आखिर उनकी मेहनत रंग लाई ,और उन्होंने ड्रोन बना लिया।
देवेश को करीब 5 साल का समय लगा इसे बनाने में और आखिर उनकी मेहनत रंग लाई ,और उन्होंने ड्रोन बना लिया।

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देवेश झा ड्रोन बनाने का आया विचार

किसानो के हित की सोच रखने वाले देवेश अक्सर ये सोचा करते थे, कि ऐसा क्या किया जाए कि, किसानो का समय बचाया जा सके। जिसके लिए उन्होंने बिहार सरकार की मदद से एक किसान सर्वेक्षण किया। जिसमे ये निकलकर आया कि, किसानो को फसलों में कीटनाशकों के छिड़काव करने में घंटो का समय लग जाता है। और फिर उन्होंने एक ड्रोन बनाया जो कि इन सब दिक्ततों से निजात दिला सकता है। और उनका ये अविष्कार हर जगह फेमस हो गया। उन्हें करीब 5 साल का समय लगा इसे बनाने में और आखिर उनकी मेहनत रंग लाई ,और उन्होंने ड्रोन बना लिया।

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