घर में पैसे की थी किल्लत, जुगाड़ लगाकर सीखा ऑटो चलाना, और आज देती है कई महिलाओं को ट्रेनिंग भी

महिलाओ को आज की इस 21 वी सदी में भी अपने सम्मान और अधिकार के लिए लड़ना पड़ता है। और स्वयं की पहचान के लिए संघर्ष करना पड़ता है। इतिहास गवाह है कि, महिलाओं ने कितने दुःख सहे है। और खुद को साबित किया है। और आज के इस बदलते हुए वक़्त में भी औरते किसी से कम नहीं है। और खुद को साबित करती रहती है। लेकिन अपनी पहचान की उसकी मेहनत और लगन को ,बेकार नहीं जाने देती है,और वह जीत जाती है। ऐसी ही एक कहानी है, हरियाणा के हिसार की रहने वाली प्रमिला बाबरा  जी आज एक सशक्त महिला है। और आज वो न सिर्फ ताकतवर और अच्छी खासी आय कमा रही है, बल्कि वो कई औरतो को रिक्शा चलाने की ट्रेनिंग भी दे रही है। एक वक़्त ऐसा था कि, प्रमिला बाबरा लोग उनकी वजह से ताने मारा करते थे। और आज वही लोग उनकी तारीफ़ करते नही थकते है। और आज प्रमिला बाबरा कई महिलाओ के लिए उदाहरण बन गयी है।

प्रमिला बाबरा नाम की ये महिला हरियाणा के हिसार की रहने वाली है।
प्रमिला बाबरा नाम की ये महिला हरियाणा के हिसार की रहने वाली है।

हरियाणा की है प्रमिला बाबरा

बता दे की प्रमिला बाबरा नाम की ये महिला हरियाणा के हिसार की रहने वाली है। और उनके घर में काफी आर्थिक तंगी थी। जिसके कारण उन्हें काफी परेशानिया होती थी। और वो अक्सर घर को चलाने को लेकर काफी परेशान रहती थी। जिस कारण उन्होंने ये फैसला ले लिया कि, वो ऑटो ड्राइवर बनेगी। जिसके लिए उन्हें उस समय के पुलिस अधीक्षक शशांक आनंद जी ने प्रमिला बाबरा भी बहुत सुप्पोर्ट किया। और उनकी सहायता की। और उन्होंने फिर ट्रेनिंग लेकर ऑटो चलाना प्रारम्भ किया था। लेकिन कुछ समय पहले बीमार होने के कारण ऑटो चलाना छोड़ना पड़ गया था ,जिसके बाद से वो बहुत सी महिलाओ को ऑटो ड्राइविंग की ट्रेनिंग दे चुकी है।

प्रमिला बाबरा शुरू में 20 महिलाओ को ट्रेनिंग दी थी।
प्रमिला बाबरा शुरू में 20 महिलाओ को ट्रेनिंग दी थी।

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20 महिलाओं को देती थी शुरू में ट्रेनिंग

बता दे कि प्रमिला बाबरा शुरू में 20 महिलाओ को ट्रेनिंग दी थी। और फिर उसके बाद उनका ये कारवां बढ़ता ही गया। और उन्होंने आज तक कई महिला को ऑटो ड्राइविंग की ट्रेनिंग दे दी है। और प्रमिला बाबरा की इस गुलाबी ऑटो की सवारी में स्वयं प्रियंका गाँधी जी भी अपने चुनाव प्रचार के समय कर चुकी है। और उन्हें काफी प्रोत्साहन भी मिल चुका है। प्रमिला बाबरा जैसी महिलाय समाज के लिए एक जीता जागता उदाहरण है कि, हर महिला कुछ न कुछ अच्छा कार्य करके सफलता हासिल कर सकते है।

घर के हालातो के कारण उन्होंने ये फैसला ले लिया कि, वो ऑटो ड्राइवर बनेगी।
घर के हालातो के कारण उन्होंने ये फैसला ले लिया कि, वो ऑटो ड्राइवर बनेगी।

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