बेटियां आजकल हर क्षेत्र में आगे निकल रही है। और पिछले कुछ सालो में देखा गया है कि बेटियों का पढ़ाई में प्रदर्शन बेटो से अच्छा ही रहा है। और उन्होंने हर संभव तरीके में खुद को साबित करके हर बार एक नयी मिसाल पेश की है। अब हम बिहार बोर्ड का ही उदाहरण ले सकते है। और उसमे पिछले कुछ में हुए बेटियों के बोर्ड परीक्षा परिणाम पर गौर करे तो , वह बेटो से बहुत उच्च कोटि के रहे है। ऐसा ही एक बेटी है जिनका नाम है कल्पना कुमारी। जिन्होंने न सिर्फ अपने परिवार का, बल्कि अपने बिहार का भी नाम रोशन किया है ,उन्होंने बोर्ड परीक्षा विज्ञान विषय से दी थी। और उसमे अच्छा प्रदर्शन करते हुए चौथा स्थान प्राप्त किया है। बता दे कि कल्पना कुमारी के पिता एक टैक्सी चालक है। और उनकी माता ने भी उन्हें पढ़ाई के लिए पूरा प्रेरित किया है। और उनका सहयोग किया है। उन्होंने अपनी बेटी की फीस के लिए अपने गहने तक बेच दिए थे ।
टूटे फूटे घर में पल गए इतने बड़े सपने
बता दे, कि सबसे बड़ी प्रेरणा की बात तो ये है कि, कल्पना जिस घर में रहती है। उसकी स्थिति इतनी अच्छी नहीं है। और जिसके कारण उन्हें परेशानी तो हुई, लेकिन उन्होंने अपने सपनो को खत्म नहीं होने दिया। और पूरी जी जान से बोर्ड की तैयारी की। और कल्पना ने कक्षा 10 में करीब 80 प्रतिशत मार्क्स अर्जित किये थे। जिसके कारण उनके परिवार को उनसे काफी उम्मीदे थे। और उन्होंने उन उम्मीदों पर खरा उतरकर दिखाया भी।
पिता चलाते है ऑटो, और माँ ने बेच दिए गहने
कल्पना बेहद ही गरीब घर में जन्मी हुई है। और उनके पिता ऑटो रिक्शा चलाकर उन्हें पढा रहे है। कल्पना की एक बहन अर्चना भी है। जो की कल्पना के साथ ही पढ़ती है। और उनका एक बड़ा भाई है। जो कि NDA की तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही कल्पना का सपना भी सिविल सर्विसेज में जाने का है। माँ ने बेटी कल्पना की पढ़ाई के लिए अपने गेहने तक बेच दिए थे। उसका कारण था उनके पास पर्याप्त धन न होना।
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कल्पना कुमारी हासिल किया चौथा स्थान
कल्पना ने भी अपने माता पिता की मेहनत का पूरा परिणाम उन्हें सफल होकर दिया है। क्योकि उसने अपने माता पिता को हर दिन संघर्ष करते हुए देखा है। और माँ के द्वारा बेचे गए उन गहनों की कीमत तो कल्पना ने बोर्ड की परीक्षा परिणाम से ही दे दी। उनका पूरा परिवार गर्वित है।
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