पिता करते थे किसानी ,और दादा ने गांठे जूते, गरीबी में नहीं छोड़ा अपने सपनो का साथ, लालटेन में पढ़कर दिया सपनो को उजाला, बन गयी डॉक्टर

कहते है जिनकी मेहनत सच्ची होती है, तो ईश्वर भी उनका साथ देते है। और वह इंसान एक न एक दिन अपना लक्ष्य पा ही लेता है। और चाहे फिर कितनी भी कठिनाई क्यों न आजाए। वह घबराता नहीं है। और निरंतर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता ही रहता है। और लक्ष्य पा ही लेता है। और कौन कहता है कि साधनो के आभाव में इंसान कामयाब नहीं हो सकता। अगर आपका इरादा पक्का है, तो फिर आपको मंज़िल खुद ढूँढ़ते हुए आजाती है। किस्मत भले ही कितना आज़माए लेकिन सफलता मिलती ज़रूर है। बस उससे पहले संघर्ष की सीढ़ियां पार करनी होती है। ऐसा ही कुछ हुआ कुमारी मंजू के साथ भी। जो कि आज डॉक्टर बन गयी है। लेकिन डॉक्टर बनने तक का उनका ये सफर आसान नहीं था। हमने ये तो सुना था कि डॉक्टर बनने से पहले कठिन परीक्षा से गुज़रना पड़ता है। लेकिन कुमारी मंजू को ज़िंदगी की परीक्षा से गुज़रना पड़ा था। जिसका परिणाम आज ये रहा कि वो आज मंजू कुमारी से डॉक्टर मंजू बन गयी है।

मंजू के दादा करते थे बूट पोलिश और पिता किसानी
मंजू के दादा करते थे बूट पोलिश और पिता किसानी

दादा करते थे बूट पोलिश और पिता किसानी

बेहद ही गरीब परिवार में जन्मी मंजू कुमारी के दादा जी एक समय पर जूते पोलिश करने का काम करते थे। और उनके जी पिता गग्रेजुएट थे। लेकिन घर की मजबूरी के कारण उन्हें किसानी करनी पड़ गयी थी। लेकिन इन सबके बावजूद भी उन्होंने मंजू की पढ़ाई पर कोई आंच नहीं आने दी थी। और मंजू ने पूरी मेहनत से पढ़ाई की। उन्होंने स्कूल की शिक्षा तो अपने क्षेत्र से ही की। लेकिन आगे की पढ़ाई के लिए वो पटना चली गयी और वही से उन्होंने अपनी इंटरमीडिएट की परीक्षा भी पूरी की। मंजू का जन्म एक बहुत ही पिछड़े हुए इलाके में हुआ था। जहाँ पर कोई भी आधारिक सुविधा नहीं थी। यहाँ तक की बिजली की भी व्यवस्था नहीं थी। ,जिसके कारण मंजू लालटेन की रौशनी में पढ़ाई करती थी।

पटना जाकर मंजू ने अपनी MBBS की तैयारी रखने के लिए टूशन पढाया।
पटना जाकर मंजू ने अपनी MBBS की तैयारी रखने के लिए टूशन पढाया।

इसे भी अवश्य पढ़े:- दिन में अंडे बेचे, और रात को की घंटो पढ़ाई, बिहार के इस लाल ने अपनी तीन असफलताओ के बाद पास की यूपीएसी परीक्षा

Dr. मंजू कुमारी पटना में भी जीवन रहा मुश्किल

पटना जाकर मंजू ने अपनी MBBS की तैयारी रखने के लिए टूशन पढाया। और उसी से अपना खर्चा निकला। इसके बाद उन्होंने नालंदा मेडिकल कॉलेज से डिग्री पूरी करके चिकत्सक के रूप में अपना कदम बढ़ाया। आज मंजू कुमारी से डॉक्टर मंजू कुमारी बन चुकी है। और समाज के लिए प्रेरणा है।

आज मंजू कुमारी से डॉक्टर मंजू कुमारी बन चुकी है।
आज मंजू कुमारी से डॉक्टर मंजू कुमारी बन चुकी है।

इसे भी अवश्य पढ़े:-जिस कम्पनी में कभी 12 घंटे करते थे गार्ड की नौकरी, आज उसी कम्पनी के बन गए है सॉफ्टवेयर इंजीनियर, आसान नहीं था अब्दुल

ऐसे ही दिलचस्प किस्से जानने के लिए जुड़े रहिये  samachar buddy के साथ, और हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करना न भूले

Join WhatsApp Channel
Join WhatsApp Join Telegram