इस युवा दम्पत्ति का ये बिज़नेस आईडिया इतना भा गया रतन टाटा को, कि पहुंच गए मिलने, जानिए इनका अनोखा बिज़नेस आईडिया, जिससे बने करोड़पति

आजकल के कई युवा नौकरी को छोड़कर अपना कोई बिज़नेस स्टार्ट अप करते है या फिर अच्छी खासी सैलरी वाली ही नौकरी करते है। लेकिन आजकल के समय में नौकरी मिलना बहुत मुश्किल है। इसलिए बहुत से युवा सिर्फ ओर सिर्फ अपना बुसिनेस करने के बारे में सोचते है। और फिर सफलता हासिल करते है। और कुछ स्टार्ट अप तो ऐसे होते है, कि वो हर किसी को पसंद आते है। एक ऐसा ही अनोखा बिज़नेस आईडिया कि सीधे ही हिंदुस्तान के बेस्ट बिजनेसमैन रतन टाटा जी को पसंद आया और वो इस युवा दम्पत्ति से मिलने पहुंच गए। इस युवा दंप्पत्ति का नाम है अदिति वालुंज और चेतन वालुंज। जिन्होंने एक ऐसे बिज़नेस आईडिया रिपोस एनर्जी को अपनाया ,जिससे कि रतन टाटा जी ने खुद भी प्रभावित होकर उनसे मिलने पहुंचे थे ,अब ऐसी क्या थी उनकी बुसिनेस की कहानी आईये जानते है?

 चेतन और अदिति से रतन टाटा जी ने खुद भी प्रभावित होकर उनसे मिलने पहुंचे थे ,
चेतन और अदिति से रतन टाटा जी ने खुद भी प्रभावित होकर उनसे मिलने पहुंचे थे

शुरुआत की रिपोस एनर्जी की

बता दे कि, शादी से पहले चेतन वालुंज अपने पिता जी के पेट्रोल पंप को सँभालते थे। और अदिति बिज़नेस रिलेशन्स में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही थी। दोनों ने शादी के पहले ही बिज़नेस करने की सोची थी। और शादी के बाद इस बिज़नेस रिपोस एनर्जी की शुरुआत की थी। जिसकी नाम है रिपोस एनर्जी। जिसमे उन्होंने डेड माईलेज की समस्या पर काम किया था। उन्होंने अपंनी रिसर्च में महसूस किया था, कि अनावश्यक संसाधनों के प्रयोग काफी बढ़ रहा था।

दोनों पति पत्नि करते है डीज़ल की होम डिलिवरी
दोनों पति पत्नि करते है डीज़ल की होम डिलिवरी

 करते है डीज़ल की होम डिलिवरी

अदिति और चेतन नाम के इन दम्पत्ति ने एक अनोखे तरह से अपने इस बिज़नेस की शुरुआत की। जिसमे उन्होंने “रिपोस एनर्जी” के बैनर तले घर घर जाकर डीज़ल डिलीवर करने का फैसला लिया था। जिसका आईडिया रतन टाटा जी को भी बहुत पसंद आया और उन्हें इतना अच्छा लगा कि, वो खुद उनसे मिलने पहुंचे और उनके इस काम की सराहना की। और उन्हें वो सपोर्ट करते है। ये वाकई इस दम्पत्ति के लिए ख़ुशी का पल था।

अदिति चेतन ने शुरुआत की रिपोस एनर्जी की
अदिति चेतन ने शुरुआत की रिपोस एनर्जी की अदिति चेतन ने शुरुआत की रिपोस एनर्जी की

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रिपोस एनर्जी डीज़ल की अनावश्यक बर्बादी को कम करने के लिए किया काम

अदिति ने बताया कि, एक रिसर्च के मुताबिक करीब भारतीय हर साल 27 करोड़ लीटर डीज़ल की खपत होती है। और हम लगभग 5 से 10 प्रतिशत डीज़ल भी खो रहे है। जिससे डेथ मायलेज की समस्या भी बढ़ जाती हहै। जिसे चेतन और अदिति वालुंज repose energy के इन प्रयासों से कम होने की उममीद हुई।

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