ऐसा माना जाता है कि इंसान के होंसले अगर मजबूत हो तो हर दीवार गिरायी जा सकती है ,अब वो दीवार मुश्किलों की हो सकती है, या समाज की हो सकती है। या फिर गरीबी की भी हो सकती है। लेकिन मजबूत इरादों की बुनियाद ये दीवार को तोड़कर सफलता की एक नई तस्वीर बंया करती है। और ऐसे ही एक शख्स है यूपी के मिर्ज़ापुर के निवासी नीरज मौर्य । जिन्होंने बैटरी से एक ऐसी साइकिल का निर्माण किया है, जो कि करीब 50 किलोमीटर की स्पीड से चलती है। और ये अविष्कार करके उन्होंने एक अनोखा काम किया है। क्योकि साइकिल में इस तरह का बदलाव पहले कभी किसी ने नहीं किया है। और न ही इस तरह का बदलाव किसी ने कभी नहीं किया है।
नीरज मौर्य पिता किसानी का काम और टायर पंचर भी करते है
नीरज मौर्य के पिता जी एक किसान भी रहे है। और अब वो टायर पंचर करने का भी काम करते है। और इसी से किसी तरह से उनके घर का खर्च चल पाता है। और नीरज ने गरीबी के प्रभाव में भी खुद अस्तित्व स्थापित किया है। और संसाधनों के आभाव में भी उनका ये हुनर निखरकर आगे आया है। और वाकई हिम्मत और होंसले से गरीबी को भी पछाड़ा जा सकता है।
एक महीना का लगा है समय इस साइकिल में
बता दे कि, नीरज मौर्य BA में पढ़ते है ,और उन्हे इस साइकिल को बनाने में करीब एक महीने का समय लगा था। और उनके पास पर्याप्त धन भी नहीं था ,जिस कारण से उन्हें इस साइकिल को बनाने में इतना समय लग गया। और ये धन भी उन्होंने नवरात्री में मूर्ति बनाकर इक्क्ठा किये पैसो से बनाया था। जो कि बहुत सराहनीय बात है।
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चार्ज होने पर चलती है 50 किलोमीटर
बता दे कि,नीरज मौर्य एक महीने में तैयार इस साइकिल की सबसे खास बात ये है कि,ये एक बार चार्ज होने पर लगभग 50 किलोमीटर तक चल सकती है। और बिना किसी संसाधन और ईंधन के भी चल सकती है। और सामान्य साइकिल के मुकाबले इसकी स्पीड भी बढ़ी हुई होती है। और नीरज के इस कारनामे के बाद छानबे विधायक राहुल प्रकाश कॉल भी उन्हें बधाई दे रहे है ,और उनके इस प्रयास को सराह रहे है।
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