सपने बड़े थे, इसलिए गरीबी को पछाड़कर बन गयी आईपीएस अफसर देश की ये बेटी का नाम है इल्मा अफ़रोज़, बचपन में ही उठ गया था पिता का सांया

कहते है कि, अगर मन में कुछ काम करने की ठान लो, तो कछ भी नामुमकिन नहीं है। बशर्ते संघर्ष करने के लिए तैयार रहना ज़रूरी है। इसीलिए कहते है कि, हमे निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए, फिर चाहे कितनी भी मुश्किले क्यों न आजाए, हमे हार नहीं माननी चाहिए। और हमेशा ही मजबूत इरादों के साथ काम करते रहना चाहिए। और कहते है कि “मन के हारे हार है, मन के जीते जीत” , वाकई ये बात बिलकुल सही ही कही गयी है। इसलिए हमे मन से भी कभी हार नहीं माननी चाहिए। चाहे फिर कुछ भी हो जाए, जो इंसान मन से हार गया, वो इंसान की इस दुनिया में कोई पहचान नहीं रह जाती है। इसलिए हमेशा ही खुश रहना चाहिए ,और पूरी लगन से सच्चे मन क साथ प्रयास करते रहना चाहिए। आज हम जिस बेटी की कहानी आपके सामने लेकर आये है। वह कहानी बहुत ही खास है। उनका नाम है इल्मा अफ़रोज़। जिनके सर से बचपन में पिता का सांया उठ गया था।

मुरादाबाद कुंदरकी की रहने वाली है इल्मा अफ़रोज़
मुरादाबाद कुंदरकी की रहने वाली है इल्मा अफ़रोज़

मुरादाबाद कुंदरकी की रहने वाली है इल्मा अफ़रोज़

एक मुस्लिम समाज और गरीब परिवार में जन्मी इल्मा अफ़रोज़ ने बहुत ही मेहनत और लगन के साथ इस यूपीएसी की परीक्षा को पास किया है। वो बनना तो वकील चाहती थी ,लेकिन स्कॉलरशिप न मिलने के कारण उन्हें कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एडमिशन नहीं मिल पाया। और इसलिए उन्होंने सफलता के दूसरे रास्ते के बारे ने सोचा। और उन्होंने गरीबी के हालातो में तैयारी करके भी खुद को साबित किया है।

इल्मा 14 साल की थी, जब पिता जी का निधन हुआ
इल्मा 14 साल की थी, जब पिता जी का निधन हुआ

14 साल की थी, जब पिता जी का निधन हुआ

इल्मा ने गरीबी में तो दिन काटे ही थे। लेकिन उससे भी ज्यादा कठिन उनके लिए वो समय था, जब उनके पिता का सांया उनके सर से उठ गया था। और वे 14 साल की उम्र में ही इल्मा और उनका परिवार अकेला पड गया था। और उस वक़्त उनकी माता जी के सामने भी यही समस्या थी कि, वो किस तरह से अपने बच्चो पाले। और उनका पालन पोषण करे, उस समय उनके सामने एक समस्या ये भी थी, कि उनके आसपास के लोग और रिश्तेदार उन्हें इल्मा की शादी के लिए कहने लगी थे। जो कि उन्होंने नहीं मानी। और इल्मा को पढ़ने का मौका दिया।

इल्मा अफ़रोज़ ने यूपीएसी में हासिल की 217 वी रैंक
इल्मा अफ़रोज़ ने यूपीएसी में हासिल की 217 वी रैंक

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हासिल की 217 वी रैंक

इल्मा अफ़रोज़ ने यूपीएसी कोई तैयारी की। और उस परीक्षा को न सिर्फ मेहनत से पास किया, बल्कि उस परीक्षा में 217वी रैंक भी हासिल की। और ये वाकई बहुत गर्व की बात है , कि देश की एक ओर बेटी IPS ने देश को गर्वित कर दिया है।

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