मीशो की दिलचस्प कहानी कुछ ऐसी है, परेशानी का निकाला गज़ब का समाधान, बना दिया करोड़ो का बिज़नेस ,जानिये मीशो की कहानी

आपने कई तरह के ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट के बारे में सुना होगा। और आपने कई तरह के वेबसाइट के नाम भी सुने और जाने होंगे। लेकिन क्या आपको मीशो के बारे में पता है ? जी हाँ शायद आपमें से भारत से लोग इसके बारे में जानते होंगे। क्योकि आज भारत के हर कोने में मीशो ने अपनी खास पहचान बनायीं हुई है , और एक समय ऐसे था कि मीशो को शुरू करने वाले विदित आत्रे और संजीव बरनवाल जी के द्वारा बनाया गया ये एप्प पहले लोगो को कुछ खास पसदं नहीं आया लेकिन कुछ समय के बाद मेहनत के बाद उनका ये काम चल पड़ा। और उन्हें मुनाफा भी होने लगा। और आज मीशो बहुत आगे जा चुका है। और देश के कोने कोने में मीशो को सभी जानते है। और इसका टर्न ओवर भी करोडो में है।

दिल्ली से इंजीनियरिंग की है विदित आत्रे और संजीव बरनवाल ने
दिल्ली से इंजीनियरिंग की है विदित आत्रे और संजीव बरनवाल ने

दिल्ली से इंजीनियरिंग की है विदित आत्रे और संजीव बरनवाल ने

बता दे कि, मीशो को बनाने वाले विदित आत्रे और संजीव बरनवाल दोनों ने ही दिल्ली के बैचमेट थे। और साथ में ही नौकरी कर रहे थे। और दोनों ने ही कुछ स्टार्ट अप करने के बारे में सोचा। और उसके लिए रिसर्च भी करनी शुरू कर दी थी। साल 2015 मे विदित आत्रे और संजीव बरनवाल एक ही समय में ही जॉब करते थे ,. और दोनों ही खुद का कुछ काम शुरू करना चाहते थे। और अच्छे दोस्त भी थे।

जून 2015 में बनाया फ़ैशनियर ऐप
जून 2015 में बनाया फ़ैशनियर ऐप

जून 2015 में बनाया फ़ैशनियर ऐप

साल 2015 में ही विदित और संजीव दोनों ने ही मिलकर कुछ नया काम करने की चाह में शुरुआत की फ़ैशनियर ऐप की शुरुआत की। जिसमे उन्होंने लोकल्स शॉप्स पर जाने वाली महिलाओ की एक महत्वपूर्ण समस्या पर ध्यान दिया। और उनके लिए उनके मनपसंद पहनावे को उन तक सीधे पहुंचाने के बारे में सोचा। और इसके लिए प्रयास करने शुरू कर दिए थे। लेकिन बहुत से परेशानियों के बाद भी उनका ये एप्प भी किसी ने इस्तेमाल करने के बारे में नहीं सोचा था।

बाज़ार की ज़रूरत को महसूस करते हुए उन्होंने फ़ैशनियर ऐप को मीशो में तबदील करने की डी ठानी।
बाज़ार की ज़रूरत को महसूस करते हुए उन्होंने फ़ैशनियर ऐप को मीशो में तबदील करने की डी ठानी।

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शुरुआत हुई मीशो की

बाज़ार की ज़रूरत को महसूस करते हुए उन्होंने फ़ैशनियर ऐप को मीशो में तबदील करने की डी ठानी। जिसका मतलब था अपनी दुकान और उनका ये नया कांसेप्ट सोशल मीडिया प्लेटफोम पर बहुत पसंद किया गया। और आज मीशो की टर्न ओवर की बात करे। तो लांच कार्बन करने के लगभग 6 साल के बाद ही उनका टर्न ओवर 35 हज़ार करोड़ो रुपए था।

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