हमने कई तरह की सफलता की कहानी सुनी होंगी। जिसमे संघर्ष का स्तर मेहनत करने वाले के ऊपर भी निर्भर करता है। और हम अक्सर ये सोचते है। कि किस तरह से सफलता पायी जा सकती है? तो इसके लिए आपको कुछ प्रेरणादायक कहानिया ज़रूरी सुन्न चाहिये। जो कि आपको बहुत हिम्मत देंगी। और आपको ये एहसास होगा, कि हम भी जीवन में कुछ बेहतर कर सकते है। और हालात चाहे जैसे भी हो, हमे हार नहीं माननी चाहिए। चाहे फिर भी जो हो जाय, आज हम आपके सामने जो कहानी लेकर आये है, वह आपको ज़रूर सुननी और समझनी चाहिए। क्योकि इस कहानी मे सफलता भले ही संभव लगेगी। लेकिन उसकी पीछे के संघर्ष की कहानी से आपका दिल ज़रूर भर आएगा। हम बात कर है जोधपुर के सोहनलाल की। जो कि एक मज़दूर के बेटे है। और उन्होंने यूपीएसी जो कि देश की सबसे बड़ी और कठिन परीक्षा मानी जाती है । उसे पास करके सफलता की नयी इबारत लिखी गई।
जोधपुर से है सोनहलाल
बता दे कि, सोहनलाल जी राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले है। और उनके पिता जी मनेरगा के तहत मज़दूरी करते है। और उसी से घर का खर्च चल पाता है। और किसी तरह से गुज़ारा हो जाता है। लेकिन उन्होंने मज़दूरी करके भी अपने बेटे सोहनलाल को पढ़ाया लिखाया। और इस काबिल बना दिया कि, आज वो देश की सेवा कर सके। और वाकई ही सोहनलाल ने ऐसा करके भी दिखाया। और अपने पिता का नाम रोशन कर दिया है।
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सोहनलाल 2018 में शुरू की आईएएस की तैयारी
बता दे कि सोहनलाल IAS के पिता जी उन्हें पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। और उन्होंने उन्हें IIT करवाया। और उसके बाद IIT होने के बाद भी साल 2018 में सोहनलाल ने यूपीएसी की तैयारी शुरू कर दी थी , और पुरे मन से इसकी परीक्षा में लग गए थे। और उन्हें उनकी मेहनत का फल मिल गया था। और एक मज़दूर के बेटे ने भी पढ़ाई करके की यूपीएसी जैसी कठिन परीक्षा को न सिर्फ पास किया, बल्कि उसमे 681वी रैंक भी हासिल की। और अपने माता पिता का नाम भी रोशन किया।
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