अक्षय कुमार की ‘सम्राट पृथ्वीराज’ बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर पड़ी। 250 करोड़ के बजट में बनी ये फिल्म 12 दिनों में बहुत ही मुश्किल से 60 करोड़ कमा पाई है। उम्मीद की जा रही थी कि ये इस साल की बॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर फिल्म बनेगी पर ऐसा हो न सका। इस फिल्म के साथ ही खिलाड़ी कुमार ने लगातार 10 महीनों में फ्लॉप फिल्मों की हैट्रिक मारी है।बता दें कि ‘सम्राट पृथ्वीराज’ घत इतनी बुरी होगी इसकी उम्मीद फिल्म के राइटर और डायरेक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी को भी नहीं थी। उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि जिस फिल्म की कहानी लिखने में उन्होंने 18 साल लगा दिए वो सिनेमाघरों में 18 दिन भी नहीं टिक पाएगी। अब डायरेक्टर साहब का दर्द छलका है।डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने ‘सम्राट पृथ्वीराज’ के फ्लॉप होने पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने टाइम्स इंटरनेट के साथ इंटरव्यू में बताया कि फिल्म की कहानी दरअसल सनी देओल को ध्यान में रखकर लिखी गई थी। 18 साल पहले वो खुद इस फिल्म को प्रोड्यूस करने वाले थे पर तब उन्होंने मार्केट से सपोर्ट नहीं मिला। डॉ. साहब ने अपनी दुख जाहिर करते हुए कहा कि उनकी फिल्म को राजनीतिक तौर पर टारगेट किया गया है जो कि इसके असफल होने का एक बड़ा कारण है।
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पृथ्वीराज के सुपरफ्लॉप होने का ठीकरा डायरेक्टर(चंद्रप्रकाश द्विवेदी) ने फोड़ा
एक्टर अक्षय कुमार और मानुषी छिल्लर स्टारर ‘सम्राट पृथ्वीराज’ बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फेल हो गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 300 करोड़ रुपए के बिग बजट में बनी यह फिल्म 11 दिन में इंडिया से करीब 65 करोड़ रुपए ही कमा पाई है। फिल्म के खराब प्रदर्शन के बीच डायरेक्टर डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में बताया कि अक्षय ने एक बार उनसे कहा था कि अगर दर्शकों को ‘सम्राट पृथ्वीराज’ पसंद नहीं आई और उन्होंने इसे रिजेक्ट कर दिया, तो वे वापस हाउसफुल और राउडी राठौर जैसी नॉन कंट्रोवर्शियल फिल्में करना चालू कर देंगे।
डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने फिल्म की विफलता प्रोड्यूसर्स को कैसे प्रभावित करती है, इस बारे में बात करते हुए कहा, “अगर कोई फिल्म फ्लॉप हो जाती है, तो प्रोड्यूसर्स निराश हो जाते हैं। यशराज फिल्म्स की यह पहली ऐतिहासिक फिल्म है। यदि यह सफल हो जाती है, तो वे ऐसी और फिल्में बनाएंगे। नहीं तो उनका ऑर्गेनाइजेशन नियमित रूप से फिल्में बना रहा है और वे फिर वापस वैसी ही फिल्में बनाएंगे, जैसी वो बनाते आ रहे हैं।”
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डायरेक्टर का दर्द आया सामने
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए ‘सम्राट पृथ्वीराज’ के डायरेक्टर ने कहा- ‘मुझे बहुत अच्छा लगता अगर इतिहासकार इस फिल्म पर सवाल उठाते या अपनी कहानी कहते। अब क्योंकि आप मेरे हिसाब से कहानी नहीं सुनना चाहते और इसलिए इसे सिरे से खारिज कर रहे हैं, यह सरासर गलत है। इतिहास इस तरह से काम नहीं करता।’
चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने फिल्म के रिव्यू के बारे में बात करते हुए कहा हम लोगों के मूड को समझने में नाकाम रहे। वह कहते हैं, ‘हमने फिल्म को बड़े स्केल पर बनाया। लेकिन लोग फिल्म के साथ कनेक्ट नहीं कर पाए। यह अभी तक समझ नहीं आ रहा है कि उन्हें क्या परेशानी है। लेखकों ने अपना काम पूरी ईमानदारी से किया। हमने इतिहास के तथ्यों से कोई छेड़छाड़ नहीं की। हम अपनी इस जिम्मेदारी को बखूबी समझते हैं।हमारे इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आप सबका धन्यवाद और इस प्रकार की ओर भी रोचक खबरे जानने के लिए हमारी वेबसाइड Samchar buddy.com से जुड़े रहे।