” जहाँ चाह वहाँ राह ” ये पंक्ति तो आप सभी ने कभी कही ना कही पढ़ी होगी। आज हम आप के सामने एक ऐसी ही कहानी लेकर आये हैं, जो इस पंक्ति का उचित उदहारण हैं। यदि मनुष्य में काबिलियत हो तो, वह संसार के हर क्षेत्र में अपना नाम कमा सकता है। बिहार के एक नौजवान लड़के ने भी अपनी काबिलियत और मेहनत से ‘ इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड’ में नाम दर्ज करवा दिया हैं। और अक्सर, बिहार का नाम सुर्खियों में रहता ही हैं। एक बार फिर बिहार के कैमूर जिले के भगवानपुर प्रखंड में रहने वाले अमरीश पूरी ने पुरे देश में बिहार का नाम रोशन कर दिया हैं।
कैसे हुआ ‘इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड’ में नाम दर्ज?
अक्सर, आपने तरह तरह की रंगोलियाँ देखी होगी। कोई किसी एक रंग से बनी हुई , कोई किसी और रंग से बनी हुई। और आज कल तो कई रंगो का प्रयोग करके भी बहुत आकर्षित रंगोलियाँ बनाई जाती हैं। लेकिन अमरीश पूरी ने सबसे अलग तरह की रंगोली बनाकर अपने नाम और अपने राज्य के नाम को सुर्खियों में कर दिया हैं। आप सोच रहे होंगे की ऐसा कमाल कर दिया इस इंसान ने की इसका नाम ‘इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड’ में दर्ज हुआ हैं। जी हाँ, अमरीश पूरी ने भूसे से बनाई हैं 900 रंगोली, ना की किसी रंग का प्रयोग करके।
कौन है अमरीश पूरी, रंगोली वाले ?
अमरीश पूरी बिहार के कैमूर जिले के भगवानपुर प्रखंड के रहने वाले हैं। इन्होने अपनी शिक्षा कला और शिल्प कॉलेज, पटना से पूरी की हैं। उन्होंने इस वर्ष यानी 2022 के ही गणतंत्र दिवस के उपलक्ष पर तिरंगे के आकर की 900 वर्ग की रंगोली बनाई। ये बात आपको फिरसे याद दिलवा दे की, अमरीश पूरी जी ने रंगो का नहीं बल्कि भूसे का प्रयोग करके रंगोली को बनाया हैं। लोग न जाने किस किस कार्यो के लिए भूसे का प्रयोग करते हैं, लेकिन अमरीश पूरी ने ऐसा उपयोग किया हैं, जो कभी किसी ने सोचा भी नहीं होगा। उन्होंने अपनी सोच और कलाकारी के माध्यम से एक उचित उद्धरण दुनिया के आगे दिखाया हैं। गणतंत्र दिवस के अवसर पर इन्होने रंगोली को बनाया और 28 जनवरी को ‘इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड’ में नाम शामिल किया। जिसका परिणाम उन्हें काफी लम्बे समय काफी महीने बाद मिला। उन्हें परिणाम ईमेल और कॉल के जरिए दिया गया।
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ज्ञान बाँटने से बढ़ता हैं
अमरीश पूरी से वार्तालाप करके, ये पता चलता हैं कि, वह ‘ कलाकृति मंच’ नामक एक ngo भी हैं। यही वे छोटे बच्चों को निशुल्क पेंटिंग rangoli की कला का ज्ञान बाँटते हैं। इसी के साथ, वे अपनी कला के द्वारा लोगो के राष्टीय पर्व,सरकार द्वारा चलाई जा रही मुहीम और महापुरुषों की जयंतियो पर जागरूकता फ़ैलाते हैं।
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