अंबानी परिवार की लाडली बेटी ईशा अंबानी की शादी मशहूर बिजनेसमैन अजय पीरामल के बेटे आनंद पीरामल से हुई है।आनंद पीरामल मूल रूप से राजस्थान के झुंझुनू के बगड़ कस्बे के रहने वाले हैं. पीरामल परिवार का यह पैतृक गांव है।ईशा अंबानी भी शादी के बाद अपने ससुराल में आती जाती रहती हैं।बगड़ भले ही एक छोटा कस्बा है. लेकिन, यहां की हवेलियां दुनियाभर में मशहूर हैं.अंबानी और पीरामल परिवार पिछले चार दशक से दोस्त थे और उनकी दोस्ती अब रिश्तेदारी में बदल गयी है. 67 हजार करोड़ से ज्यादा के पीरामल बिजनेस एम्पायर की शुरुआत 1920 में हुई थी।जब पहले वर्ल्ड वॉर के बाद अजय पीरामल के दादा सेठ पीरामल चतुर्भुज मखारिया 50 रुपए लेकर राजस्थान के बगड़ कस्बे से बॉम्बे पहुंचे थे।
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ईशा अंबानी भी शादी के बाद अपने ससुराल में
बगड़ कस्बे में आज भी पीरमल ग्रुप की पुश्तैनी हवेली है. यहां की हवेलियां काफी मशहूर हैं. लेकिन, पीरामल हवेली की बात ही कुछ और है. अंदर की वास्तु-कला काफी भव्य है।
माना जाता है कि इस हवेली को अब होटल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. जिसमें टूरिस्ट आकर रुकते हैं. यह पुश्तैनी हवेली आज भी पीरामल ग्रुप के पास ही है।
इतिहास के जानकारों के मुताबिक, पन्द्रहवीं शताब्दी(1443) से अठारहवीं शताब्दी के मध्य यानी 1750 तक इस इलाके में शेखावत राजपूतों का आधिपत्य था।
बगड़ कस्बे में आज भी पीरमल ग्रुप की पुश्तैनी हवेली
तब इनका साम्राज्य सीकरवाटी और झुंझनूवाटी तक था. शेखावत राजपूतों के आधिपत्य वाला इलाका शेखावाटी कहलाया।
लेकिन भाषा-बोली, रहन-सहन, खान-पान, वेष भूषा और सामाजिक सांस्कृतिक तौर-तरीकों में एकरूपता होने के नाते झुंझुनू और चुरू जिला भी शेखावटी का हिस्सा माना जाने लगा।
इतिहासकार सुरजन सिंह शेखावत की किताब ‘नवलगढ़ का संक्षिप्त इतिहास’ की भूमिका में लिखा है कि राजपूत राव शेखा ने 1433 से 1488 तक यहां शासन किया।
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