साल 1979 में आई फिल्म जानी दुश्मन तो आपने भी देखी होगी। लंबी चौड़ी स्टारकास्ट वाली इस फिल्म की कहानी और इसका म्यूज़िक काफी पसंद किया गया था। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई थी। फिल्म में कुल छह गाने थे और इन सभी गानों को लिखा था वर्मा मलिक ने। जबकी फिल्म का संगीत दिया था लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने।जानी दुश्मन की कहानी के मुताबिक गांव के मंदिर पर जब कोई नवविवाहित जोड़ा देवता के आशीर्वाद के लिए रुकता है तो लाल जोड़े में सजी दुल्हनें गायब हो जाती हैं। और गायब होने वाली ये दुल्हनें कहां चली जाती हैं किसी को पता नहीं चलता।1 करोड़ तीस लाख रुपए के बजट में बनी इस फिल्म ने इंडिया में साढ़े चार करोड़ रुपए का बिजनेस किया था। जबकी फिल्म का वर्ल्डवाइड कलेक्शन था नौ करोड़ रुपए। फिल्म की आईएमडीबी रेटिंग है 6.1 आउट ऑफ 10 और साल 1979 में ये फिल्म दूसरी सबसे ज़्यादा कलेक्शन करने वाली फिल्म थी।फिल्म ‘जानी दुश्मन’ के भूत की वजह से लोगो ने दुल्हनो को लाल जोड़ा पहनाना बंद कर दिया था।
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फिल्म ‘जानी दुश्मन’ के भूत की वजह से लोगो ने दुल्हनो को लाल जोड़ा पहनाना बंद
फिल्म की इस कहानी का असर भारत के कुछ देहाती इलाकों में इतना ज़्यादा हो गया था कि वहां लोगों ने शादी में लड़कियों को लाल जोड़ा पहनाना ही बंद कर दिया था। लोग दुल्हनों को नारंगी या गुलाबी जोड़े में विदा करने लगे थे।
जानी दुश्मन में संजीव कुमार ठाकुर के रोल में दिखे थे। लेकिन शुरू में संजीव कुमार ये रोल निभाना ही नहीं चाहते थे। और वो इसलिए क्योंकि उन्हें लग रहा था कि वो शोले में ठाकुर का रोल निभा चुके हैं और अगर वो जानी दुश्मन में भी ठाकुर का किरदार निभाएंगे तो टाइपकास्ट हो जाएंगे।लेकिन जब डायरेक्टर राज कुमार कोहली ने उनसे एक दफा स्क्रिप्ट सुन लेने की गुज़ारिश करी तो वो मान गए। फिर जब राज कुमार कोहली ने संजीव कुमार को स्क्रिप्ट सुनानी शुरू की तो ये स्क्रिप्ट संजीव कुमार को काफीपसंद आई।
रिलीज़ के लिए निर्देशक को लड़ना पड़ा था केस
उन्होंने आधी कहानी सुनने के बाद ही राज कुमार कोहली से कह दिया कि वो इस फिल्म में काम कर रहे हैं। यहां ये बात भी गौर करने वाली है कि जानी दुश्मन पहली और आखिरी फिल्म है जिसमें राज कुमार कोहली के डायरेक्शन में संजीव कुमार ने काम किया था।जानी दुश्मन में शक्ति कपूर भी एक छोटे से रोल में नज़र आए थे। उन दिनों शक्ति कपूर फिल्म इंडस्ट्री में नए ही थे। अपने सीन में वो एक दुल्हन को उठाकर घोड़े पर भागते हुए नज़र आते हैं। इस वजह से गांव वाले उन्हें ही दुल्हनें गायब करने वाला समझ लेते हैं और उनकी जान के प्यासे हो जाते हैं।
लेकिन बाद में पता चलता है कि शक्ति कपूर अपनी दुल्हन को बचाकर सुरक्षित ले जाने के लिए इस तरह भाग रहे थे। इस फिल्म की जब स्क्रीनिंग हुई तो शक्ति कपूर ने अपने माता-पिता को भी फिल्म देखने के लिए इनवाइट किया।फिल्म शुरु हुई और जब शक्ति कपूर का सीन आया तो उनके पिता सिंकदरलाल कपूर भड़क गए और सिनेमा हॉल में खड़े होकर अपनी पत्नी से बोले,”देखो देखो। तुम्हारा बेटा यहां कैसे कैसे काम कर रहा है।
बाद में शक्ति कपूर ने बड़ी मुश्किल से अपने पिता को समझाया और उनका गुस्सा शांत किया।इस फिल्म के बाद राज कुमार कोहली ने फिल्में तो कई बनाई और डायरेक्ट की। लेकिन जैसी सफलता जानी दुश्मन ने बॉक्स ऑफिस पर हासिल की थी वैसी उनकी कोई भी फिल्म दोबारा हासिल नहीं कर सकी थी।हमारे इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आप सबका धन्यवाद और इस प्रकार की ओर भी रोचक खबरे जानने के लिए हमारी वेबसाइड Samchar buddyजुड़े रहे हैं।