बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपने स्टाइलिश अंदाज के लिए मशहूर रहे अभिनेता फिरोज खान को हिंदी सिनेमा का पहला काउब्वॉय कहा जाता है। अनीस बज्मी के निर्देशन में बनी फिल्म वेलकम में फिरोज ने रणबीर धनराज जाका उर्फ आर डी एक्सका रोल कर सभी को चौंका दिया था। यह उनकी आखिरी फिल्म थी और इसके रिलीज के बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था।फिरोज ने अपने फिल्मी करियर में चॉकलेटी हीरो से लेकर खूंखार खलनायक तक के रोल किए थे 27 अप्रैल को फिरोज की पुण्यतिथि है। क्या आपको पता है कि फिरोज को पाकिस्तान में ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था? उनकी जिंदगी से जुड़े कई किस्से मशहूर हैं जिनमें लोकप्रिय अभिनेता राजकुमार को अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही टका सा जवाब देने जैसी कई कहानियां शामिल हैं।
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फिरोज की एंट्री पर पाकिस्तान में लगा था बैन
2006 में फिरोज फिल्म ‘ताज महल’ का प्रमोशन करने के लिए पाकिस्तान गए थे।बताया जाता है कि पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री परवेज मुशर्रफ ने इंटेलिजेंस रिपोर्ट के आधार पर उन्हें ब्लैकलिस्ट में डाल दिया था।
रिपोर्ट में कहा गया था कि फिरोज ने एक पाकिस्तानी सिंगर की बेइज्जती के साथ ही पाकिस्तान की आलोचना की थी। कहा जाता है कि फिरोज खान ने खुद को एक प्राउड इंडियन बताते हुए पाकिस्तान की काफी आलोचना की थी। जिसकी वजह से उन्हें पाकिस्तान में आने से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था।
विनोद खन्ना से निभाई थी दोस्ती
फिरोज खान ने 1960 में फिल्म ‘दीदी’ से अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था. इस दौरान उनकी मुलाकात सुंदरी से हुई और उन्होंने डेटिंग चालू कर दी. पांच साल बाद उन्होंने सुंदरी से शादी कर ली. उनके दो बच्चों में से एक बेटी लैला खान और बेटा फरदीन हुए।
फिरोज और विनोद खन्ना की दोस्ती बॉलीवुड में काफी मशहूर रही है।एक समय हिंदी सिनेमा में इन दोनों की जोड़ी एक साथ पर्दे पर आने का मतलब होता था कि फिल्म का हिट होना तय है।
इन दोनों अभिनेताओं की जोड़ी शंकर और शंभू, कुर्बानी और दयावान में एकसाथ नजर आई थी।
कहा जाता है कि विनोद खन्ना की हिंदी फिल्मों में वापसी कराने के लिए ही फिरोज ने फिल्म दयावान का निर्माण किया था।यह फिल्म उस समय सुपरहिट हुई थी।
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अकड़ के लिए मशहूर राजकुमार से हुआ आमना-सामना
1965 में फिल्म ‘ऊंचे लोग’ की शूटिंग के पहले ही दिन अभिनेता राजकुमार और फिरोज खान का आमना-सामना हो गया था। दरअसल, राजकुमार उस समय के एक बड़े अभिनेता हुआ करते थे और फिरोज खान को कोई खास सफलता नहीं मिली थी।
ऐसे में राजकुमार ने उन्हें फिल्मी टिप्स और अभिनय से जुड़ा ज्ञान देना शुरू कर दिया।बताया जाता है कि राजकुमार ने जैसे ही उन्हें समझाना शुरू किया, वो उठ खड़े हुए।
फिरोज ने राजकुमार से सीधे शब्दों में कह दिया कि आप अपना काम अपने तरीके से कीजिए और मैं अपना काम अपने हिसाब से कर लूंगा।कहा जाता है कि इसके बाद राजकुमार ने फिरोज को कहा कि मैं भी ऐसा ही हूं और हमेशा ऐसे ही रहना।
शूटिंग के पहले ही दिन राजकुमार से हुआ आमना-सामना
1965 में फिल्म ‘ऊंचे लोग’ की शूटिंग के पहले ही दिन अभिनेता राजकुमार और फिरोज का आमना-सामना हो गया था।दरअसल, राजकुमार उस समय के एक बड़े अभिनेता हुआ करते थे और फिरोज खान को कोई खास सफलता नहीं मिली थी।
ऐसे में राजकुमार ने उन्हें फिल्मी टिप्स और अभिनय से जुड़ा ज्ञान देना शुरू कर दिया बताया जाता है कि राजकुमार ने जैसे ही उन्हें समझाना शुरू किया, वो उठ खड़े हुए।
फिरोज ने राजकुमार से सीधे शब्दों में कह दिया कि आप अपना काम अपने तरीके से कीजिए और मैं अपना काम अपने हिसाब से कर लूंगा। कहा जाता है कि इसके बाद राजकुमार ने फिरोज को कहा कि मैं भी ऐसा ही हूं और हमेशा ऐसे ही रहना।
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