परेश रावल ने बॉलिवुड को एक के बाद बेहतरीन कॉमिडी फिल्में दी हैं। ‘हंगामा 2’ में वह फिर राधेश्याम तिवारी की भूमिका में हैं। ‘नवभारत टाइम्स’ से खास बातचीत में परेश रावल ने कहा कि अब न तो अच्छी कॉमिडी लिखने वाले ज्यादा हैं और न ही इसे बनाने वाले।’हेराफेरी’, ‘हंगामा’, ‘हलचल’, ‘मालामाल वीकली’ और ‘भूलभुलैया’ जैसी कई फिल्मों में धमाकेदार कॉमिडी से दर्शकों का मनोरंजन करने वाले डायरेक्टर प्रियदर्शन और ऐक्टर परेश रावल की जोड़ी लंबे अर्से के बाद फिल्म ‘हंगामा 2’ में दोबारा साथ आई है। 2003 की हिट फिल्म ‘हंगामा’ के इस सीक्वल में परेश फिर राधेश्याम तिवारी की भूमिका में हैं। फिल्म रिलीज हो चुकी है और इसे ठीक-ठाक रेस्पॉन्स भी मिला है। ‘नवभारत टाइम्स’ से खास बातचीत में परेश रावल ने मौजूदा दौर में बनने वाली कॉमिडी फिल्मों को लेकर अपनी राय जाहिर की है। वह कहते हैं कि अब न तो अच्छी कॉमिडी लिखने वाले ज्यादा हैं और न ही इसे बनाने वाले।
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परेश रावल ने खोल दी बॉलीवुड की पोल
मैंने प्रियन (प्रियदर्शन) जी के साथ 1995 में पहली बार फिल्म कभी न कभी में काम किया था। उसके बाद से अब करीब 26 साल यानी क्वार्टर सेंचुरी हो गई, उनके साथ काम करते हुए। उन्होंने मुझे मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी हिट फिल्म दी है, जिससे मैं एक ऐक्टर के तौर पर ऐक्टिंग करके स्टार बना। कुछ लोग गानों या म्यूजिक के चलते स्टार बनते हैं। मैं एक अच्छे किरदार की वजह से स्टार बना, तो उसके लिए मैं उनका हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा। वे रीजनल सिनेमा से आते हैं, तो काफी एक्सपेरिमेंट करते रहते हैं। हमें भी अलग-अलग करैक्टर करने को मिलते हैं, तो प्रियन जी के साथ काम करने में फायदा ही फायदा होता है। वह एक थिंकिंग डायरेक्टर हैं।
वह एक थिंकिंग डायरेक्टर हैं। वह कहीं पर 40 करोड़ की फिल्म बना रहे हैं, तो साथ में डेढ़-दो करोड़ की मलयालम फिल्म बनाकर आ जाते हैं, जो नैशनल अवॉर्ड जीत लेती है। वह रीजनल और नैशनल दोनों लेवल पर काम करते हैं। ऐसे डायरेक्टर के साथ काम करो, तो फायदा होना ही होना है, बस आप चुपचाप उनकी बात सुनो। उनके डायरेक्शन में काम करते रहे।
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टीवी पर काफी सारे कॉमिडी शोज
इसकी वजह मुझे ये लगती है कि आप टीवी पर काफी सारी कॉमिडी देख लेते हैं। टीवी पर काफी सारे कॉमिडी शोज आते रहते हैं, तो फिल्मों में कॉमिडी करना और उसका स्टैंडर्ड बरकरार रखना थोड़ा कठिन हो जाता है। ये मैं अच्छी कॉमिडी की बात कर रहा हूं। बेवकूफी वाली कॉमिडी फिल्में तो बनती रहती हैं। अब आपको कॉमिडी में टक्कर लेनी है कपिल शर्मा से, सुनील ग्रोवर से, तो आपको भी बड़ा ऊंचा, बड़ा दमदार काम करना पड़ेगा। ये सब बातें हैं। फिर, हमारे पास ऐसे अच्छे राइटर्स की भी कमी है, जो समझे कि कॉमिडी फिल्म कैसे लिखनी है। वहीं, ऐसे दूरदर्शी डायरेक्टर्स की भी कमी है।
जो नैशनल अवॉर्ड जीत लेती है। वह रीजनल और नैशनल दोनों लेवल पर काम करते हैं। ऐसे डायरेक्टर के साथ काम करो, तो फायदा होना ही होना है, बस आप चुपचाप उनकी बात सुनो। उनके डायरेक्शन में काम करते रहे।हमारे इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आप सबका धन्यवाद और इस प्रकार की ओर भी रोचक खबरे जानने के लिए हमारी वेबसाइड Samchar buddy.com से जुड़े रहे।