आज हम हिंदू धर्म के कई महान ग्रंथों में से एक श्रीमद्भागवत गीता में जीवन जीने का तरीका बताते हैं। क्योंकि जो प्रश्न उस समय अर्जुन ने पूछे थे वह सिर्फ उस समय के लिए ही मायने नहीं रखते हैं बल्कि यह प्रश्न और समस्याएं हमें आज के जमाने में भी सताते हैं। जिंदगी की जंग में भागवत गीता की बातें हमें यह समझा सकती है कि हमें हर मुश्किल समय में खुद को कैसे स्थिर रखना चाहिए और हर परिस्थिति में कैसे काम लेना चाहिए। भगवत गीता ने दुनिया के कई महान लोगों की भी सोच बदली है जैसे अल्बर्ट आइंस्टाइन, महात्मा गांधी, और राल्फ वाल्डो इमर्सन आदि। देशभर में लोगों का तो यह भी मानना है कि जो भी इंसान इस ग्रंथ को पढ़ता है उसे कभी भी पैसों की कमी नहीं होती और बड़ी से बड़ी चुनौती उसका बाल भी बांका नहीं कर पाती। और उस व्यक्ति का व्यक्तित्व इतना स्ट्रांग हो जाता है कि वह जहां पर भी जाता है वहां के लोगों को बेहतर इंसान बनने के लिए इंस्पायर करता है।
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1.) महाभारत युद्ध के समय श्री कृष्ण के उपदेशों को प्राप्त कर
अर्जुन उस परम ज्ञान की प्राप्ति करते हैं जो उनकी समस्त शंकाओं को दूर कर उन्हें कर्म की ओर प्रवृत करने में सहायक होती है। गीता के विचारों से मनुष्य को उचित बोध कि प्राप्ति होती है, यह आत्मतत्व का निर्धारण करता है, उसकी प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।
2.) बदलाव एक जीवन का नियम है इसलिए हर खुशी या दुख अस्थायी होता है।
ओ कुंती पुत्र तुम्हारी इंद्रियां, आवाज, गंध, स्वाद या महसूस करे जाने वाली चीजों के संपर्क में आकर तुम्हारे अंदर ठंड, गर्मी सुख दुख या तनाव जैसी स्थिति पैदा करती हैं यह आस्थाई है यह जैसे आती हैं वैसे चले भी जाती हैं इसीलिए इन बदलावों को सहना सीखो।
बिल्कुल ऐसे ही हमें भी अपने लक्ष्य के रास्ते में बहुत सी मुसीबतें और रुकावटें मिलेंगी और हमारे ध्यान को बिना उपयोगी चीजों की तरफ मोड़ेगी इसलिए अपना ध्यान किसी एक लक्ष्य पर इतना गहराई से लगाओ कि, आपको बाकी कोई चीज दिखे ही ना।
4.) आप वह बनते हो जो आप अपने आप को मानते हो।
बेलीफ़े बहुत ही ताकतवर चीज है यह एक बीमार इंसान को भी ठीक कर सकती है। एक दुखी इंसान को खुश कर सकती है। और नाकामयाब इंसान को तरक्की भी दिला सकती है। हर इंसान पहले अपने दिमाग को यह बेलीफ़े कराता है कि वह कुछ बड़ा करने के लायक है और उसके बाद ही उसमें वह लक्ष्य अचीव करने की हिम्मत आती है।
इसीलिए आप भी अपने आप पर विश्वास करो कि आप भी मुश्किल कामों को करने के लिए तैयार हो और अपना लक्ष्य हासिल कर सकते हो आप अपने डर को काबू करो क्योंकि आप वही बनते हो जो अपने आप को मानते हो।
5.) कायरता और डर सफलता के दुश्मन है।
डर हमारे सबसे पुराने इमोशंस में से एक है जो हमें अपनी क्षमताओं पर शक करवाता है और यह तब बाहर आता है जब हम या तो किसी परिस्थिति को पूरी तरह से समझ नहीं पाते या फिर जब हम अपने इमोशंस को मैनेज नहीं कर पाते यह डर हमें कायर बनाता है और अपने लक्ष्य से भटकाता है। इसीलिए हमेशा बुद्धिमानी और नॉलेज का पीछा करो क्योंकि यही दो चीजें हैं जो हमें विपरीत परिस्थिति में बहुत ज्यादा सहायता करती हैं।आपका दिमाग या तो आपको आबाद कर सकता है या फिर बर्बाद।
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6 .)आपका दिमाग या तो आपको आबाद कर सकता है या फिर बर्बाद।
हर इंसान को अपने आप को अपने मन से ऊपर उठाना चाहिए वरना वह आगे बढ़ने की बजाय पीछे गिरते जाएंगे यह सच है कि मन हमारा सबसे अच्छा दोस्त भी बन सकता है और सबसे बुरा दुश्मन भी।
अगर आप अपने मन के मालिक नहीं हो तो आप उसके गुलाम हो और जो कि आपको धीरे-धीरे बर्बाद कर देगा इसी वजह से गीता में श्री कृष्णा हमें अपने अवचेतन मन को जागृत करने की बात कहते हैं।श्री भगवान की अवतारी शक्तियों को समझने के लिए कलाओं को आधार माना गया है। कलाओं को अवतारी शक्तियों की इकाई मानें तो भगवान श्रीकृष्ण सोलह कला संपन्न हैं। ब्रह्मांड की समस्त शक्तियों में भगवान कृष्ण सर्वोच्च शक्ति के रूप में जाने जाते हैं।हमारे इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आप सबका धन्यवाद और इस प्रकार की ओर भी रोचक खबरे जानने के लिए हमारी वेबसाइड Samchar buddy से जुड़े रहे।