हिन्दू नवसंवत्सर जो 2 अप्रेल से शुरू होगा वह दुनिया का सबसे पुरानी समय सिद्धांत की विधि है, जिसके अनुसार ऋतुओं का भी सटीक विश्लेषण किया जाता है। यह कई प्रकार की घटनाओं का शुभ अशुभ फल के बारे में भी बताता है , जिससे यह ज्ञान भी प्राप्त होता हे, कि किस समय कोन सी घड़ी में क्या कार्य करना शुभ हे और कोन सा अशुभ, जिससे यह बताया जाता हे कि जो भी कार्य समय अनुसार किया जाता हे वह फायदे का सौदा होता है। क्योंकि कम मेहनत से अधिक फल की प्राप्ति ही बुद्धिमानी की निशानी है। जिसके लिए आवश्यक नियम ज्योतिष के द्वारा संवत्सर में दिखाए गए हैं। आइये जानते हैं(नव संवत्सर) कि इस वर्ष के लिए सृष्टिचक्र में क्या घटनाएं होने का दावा भारतीय संवत्सर के द्वारा किया गया है। जिसके अधिकाँश निर्देश फलित होते हैं और भारतीय पाठकों की जिज्ञांसा का केंद्र है।
इस वर्ष मौसमी आपदाओं से हटकर बेमौसमी आपदाएं भी अपना कहर दिखा सकती हैं,क्योंकि इस वर्ष समय का वाहन घोड़ा है परिणामस्वरुप जिसमे चक्रवात वगैरह बेमौसमी हवाएं, भूकंप, वगैरह की संभावना इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
दुनिया युद्ध की विभीषिका से भी जूझ सकती है, वायु दूषित हो सकती है, आकाश गामी युद्ध हथियार इस्तेमाल में लाये जा सकते हैं, मित्र देशों में शत्रुवत व्यवहार होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता। और वैश्विक राजनीति में नयी शक्तियों का उभार संभव है।
वैश्विक स्वास्थ्य और शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव संभव हैं, हो सकता हे कि नए तरह के शोध और निष्कर्ष पुरानी चली आ रही अवधारणाओं को बदल दें, और एक ऐसी व्यवस्था का जन्म हो जो दुनिया में सर्वसम्मति से पारित हो जाए।
इसे भी देखे-: प्राचीन ऐसे अति विकसित स्थान जो अब भूतिया राज में तब्दील हो चुके हैं। दिन में भी घूमने जाएँ तो भी सावधान
दुर्घटनाओं की दृष्टि से यह साल भयकारक है, जिसका कारण केतु के मंगल की राशि में जाना है जिससे सैन्य राज का प्रभाव अधिक होगा, जिससे राजतंत्र वाले देश भी भयभीत रहेंगे, हिन्दू जिसके लिए वे दुनिया की महाशक्तियों से संधि करने को विवश होंगे और उनके मुताबिक़ कार्य करने के लिए बाध्य हो जाएंगे।
पिछले साल के वार्षिक संवत्सर पत्रिकाओं में यूरोप में युद्ध और महाशक्तियों में परस्पर संघर्ष के बारे में आगाह किया गया था, जिसके कुछ भी आसार वास्तविक नहीं लग रहे थे लेकिन कुछ ही महीनो बाद स्थिति बदल गई और यह घटना जिसका जिक्र ज्योतिष के अनुसार किया गया था वह फलित हो गई, तो यह बात और भी प्रासंगिक हो गई कि नए वर्ष के गणित भी कुछ हद तक सही आंकलन होगा।इस प्रकार की ओर भी रोचक खबरे जानने के लिए हमारी वेबसाइड ”Samchar buddy” से जुड़े रहे।