पूर्वकाल में भगवान् शिव लोगों को प्रत्यक्ष दर्शन देते थे, इसके लिए शिव आकाशमार्ग से अपने भक्तों को दर्शन देने जाते थे। वे किसी स्थान पर उतारते तो वहाँ पर उनके पावों के दाब से चिन्ह अंकित हो जाते। यूं तो वे यदा कदा ही विशेष कार्य के लिए ही धरती पर कदम रखते, लेकिन अगर ऐसा हो तो यह बड़ी अद्भुत बात होती और वह स्थान जहां पर वे पधारते थे वहाँ का स्थान पूजनीय बन जाता। भगवान् के भक्त ही जानते हैं कि यह स्थान उनके लिए कितने मायने रखता है, और ऐसे चिन्हों की पूजा होती है। यह चिन्ह बड़े भारी लगते है, जिनसे पता चलता है कि भगवान् का शरीर कितना विशालकाय होगा। यहां पर हम कुछ स्थानों का जिक्र कर रहे हैं, जिनपर भगवान् शिव ने आकाश मार्ग से आते हुए यहां पर कदम रखा तो वहाँ पर चिन्ह अंकित हुए।
जागेश्वर धाम
उत्तराखंड में जागेश्वर नाम की एक पहाड़ी पर एक प्राख्यात शिवमंदिर है जो बहुत ही प्राख्यात है। पांडव जब स्वर्ग के लिए गए, तो उनके पड़ाव में यह स्थान भी आया जहां पर भगवान शिव के चरण चिह्न अंकित हैं। कहा जाता है कि शिवजी के दर्शन के लिए जब पांडव आये तो उस समय शिवजी को उनके साथ रहना नहीं आया और अपना एक पैर उठाकर उन्होंने कैलास की प्रस्थान किया, तो वहाँ पर एक पैर का चिन्ह अंकित हुआ है यहां पर अब भव्य मंदिर है जिसका विशेष महत्व माना जाता है।
श्रीलंका
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श्रीलंका में श्री पद पर्वत नाम का एक स्थान है जिसका नाम ब्रिटिस राज में पीक हो चुका है, जिसे रतनद्वीप पहाड़ भी कहा जाता है। यहां पर मंदिर भी बना हुआ है, श्रध्दालू मानते हैं कि यहां पर जो पैरों के निशान हैं वे भगवान् शिव के हैं यहां पर वर्तमान में विचारक अपने अपने ढंग से कहानियां बनाते हैं जिनमे ईसाईयों ने यहां के चिन्ह को संत थामस के चिह्न कहना प्रचारित कर दिया, और वहीं मुसलमानो ने हजरत आदम के चिह्न कहना शुरू किया, और बोध भी कहने लगे हैं कि यह चिह्न महात्मा बुद्ध के हैं लेकिन इससे इस स्थान की ख्याति और महत्व में वृद्धि ही हुई है किसी को भी व्यर्थ में चिंता करने की जरूरत नहीं कि अलग अलग धर्मो के लोगों की दलीलों से यह स्थान उनसे छीन जाएगा।
रांची शिवपद
रांची में पहाड़ियों पर पर्यटकों का प्रसिद्द स्थान नागमंदिर हे जहां पर साल भर श्रध्द्धालू आते रहते हैं यहां एक प्राचीन शिव मंदिर है जिसके साथ ही अन्य बहुत से देवी देवताओं के मंदिर भी हैं, यहां के शिवमंदिर में श्रावण के महीने में एक नाग यहां पर आकर मंदिर की रौनक बढ़ाता है। माना जाता है कि यहां पर भी भगवान् शिव ने अपने पैर रखे। इस प्रकार की ओर भी रोचक खबरे जानने के लिए हमारी वेबसाइड ”Samchar buddy” से जुड़े रहे।