पद्मनाभ मंदिर के खजाने को लेकर कई तरह की कहानियां इतिहास में दर्ज हैं, जिनका धार्मिक रूप से यहां का बड़ा महत्व है। जहां के बारे में मान्यता है कि यहां के खजाने की रक्षा स्वयं भगवान विष्णु करते हैं। और शेषनाग भी यहां के खजाने की सुरक्षा में खुद ही तत्पर होते हैं। यहां के सातवे दरवाजे के बाद जो बड़ा खजाना है, उससे ही एक रास्ता भगवान् विष्णु के निवास स्थान पाताल लोक तक भी जाता है। इस महत्वपूर्ण खजाने के तहखाने का दरवाजा पूजा विधान करने के बाद मंत्रोच्चार के द्वारा खोलने की मान्यता है और कहते हैं कि यहां के राजा ने इस विधि से कई बार इस दरवाजे को खुलवाया था, उस खजाने में इजाफा करते रहते थे। क्योंकि यहां पर राजा के द्वारा अपना खजाना भी भगवान् को समर्पित किया है और खुद को राजपरिवार ने भगवान् पद्मनाभ का दास मानकर उसी भाव से कार्य किया, जिसके कारण यहाँ भगवान् पद्मनाभ की कृपा है।
खजाने की रक्षा के लिए रहता है नागों और पारलौकिक शक्तियों का पहरा
इसे भी देखे-: भगवान् शिव के आने के बाद उनके पैरों से निशान ही बन चुके इन जगहों पर
मंदिर अद्भुत कला का नमूना है जिसपर तरह तरह की नक्कासी बनी हुई हैं, एक स्वर्णस्तंभ भी बना हुआ है, जिसपर भी सुन्दर नक्कासी उकेरी गई है। यहां के मंदिर में अकूत संपत्ति भरी पडी है जिसमे से सरकार ने कुछ दरवाजों के संपत्ति कोर्ट के आदेश से खुलवाए थे तो तहखानों में पडी संपत्ति को जब सरकार ने अपने देख रेख में लिया (पद्मनाभ मंदिर)तो उसके बाद सबसे महत्वपूर्ण दरवाजे को खोलने के लिए कोर्ट ने आदेश दिया था कि यह संपत्ति सरकार के अंडर में ली जाए। जिसका राजपरिवार और स्थानीय लोगों ने बहुत विरोध किया। और जब उस दरवाजे को खोलना था, तो सहसा ही वहाँ पर कई प्रकार की अनहोनी घटनाएं होने से इस दरवाजे को खोलने का निर्णय टाल दिया गया।
मंदिर का खजाना खुलवाने की अर्जी देने वाला भी मृत मिला
यहां पर मौजूद खजाने के बारे में मान्यता है कि यह लगभग 5 लाख करोड़ से भी अधिक का है, जिसे 2011 मे कुछ तहखाने कोर्ट के आदेश पर खुलवाए गए थे, लेकिन भक्तों ने इस खजाने पर सरकारी नियंत्रण का विरोध किया था, और कोर्ट में मंदिर के तहखाने खोलने के पक्ष में याचिका देने वाले व्यक्ति की जब मोत हुई तो यह काम बंद किया गया। इसे जानने की उत्सुकता रखने वाले मानते हैं
कि इसके अंदर प्राचीन अभेद्य हथियार भी हो सकते हैं, जिन्हें दुनिया से छुपाकर रखा गया हो। मंदिर सनातनियों की आस्था का विशाल केंद्र है जो केरल प्रदेश में तिरुअनंतपुरम में स्थित है, यहां के गर्भगृह में स्थित विशाल मूर्ती की पूजा होती है जहां पर ईश्वर शयन मुद्रा में विराजमान हैं।इस प्रकार की ओर भी रोचक खबरे जानने के लिए हमारी वेबसाइड ”Samchar buddy” से जुड़े रहे।