इस साल होली का रंग कुछ वजहों से ख़ास हे जिसपर ग्रह स्थति के मुताबिक़ इस साल बनने वाले योग विशेष हे जो हर साल नहीं आता यह कई मायनो में शुभ लाभ लेकर आएगा। (होलिका दहन पर मां लक्ष्मी पूजा) इस साल होली अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 17 मार्च को छोटी होली कोरे रंग वाली और 18 मार्च को होली हे जिसकी तिथि भारतीय सम्वत कैलेंडर के अनुसार निर्धारित होती हे होली से पहले होलाष्टक भी लग रहे हैं। जिसमे कोई भी शुभ कार्य करने निषेध हे परन्तु होली पर कई प्रकार के शुभ संयोग बन रहे हैं जो मानव जीवन में कई प्रकार के बदलाव कर सकते हैं ।
होली का पूजा विधान
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होली पर अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, वृद्धि योग, ध्रुव योग वगैरह कई प्रकार के योग बन रहे हैं। जो व्यापार लाभ के उद्देश्य और पुण्य की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण हैं। जिसमे सर्वार्थ सिद्धि योग का अर्थ उसके नाम से ही झलक रहा हे यतो नमः ततो गुणः के जैसा जिसमे पुण्य लाभ की प्राप्ति होती हे और आदित्य योग (होलिका दहन पर मां लक्ष्मी पूजा) भी बन रहा हे जिससे कई गुणों के विकाश के लिए इच्छित लाभ की पूर्ती होगी।
होलिका दहन
होलिका दहन करना मुहूर्त की घड़ी में ही शुभ माना जाता हे जिस समय ज्योतिषीय योग बनता हे।
इस समय के जरूरी नियम हैं।
- इस दिन मांस भक्षण से दूरी बनाये रखनी चाहिए
- इस दिन सम्बन्धियों की खूब आओभगत करें
- प्रभु का सुमिरन करें
- सुबह को पूजन करें और फिर रंग का तिलक भी लगाएं
- घर में पकवान भी बनाएं
यह साधारण नियम हैं जो सामान्य मानवी के जीवन के शुभ प्रभाव के लिए हैं इसी तरह विशेष नियम होली पर विशेष कार्य के लिए अनुष्ठान कराने वालों के लिए अलग नियम हैं।
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होली से पहले होलाष्टक
होली भारत के प्रमुख त्योहारों में से सबसे ज्यादा खेल प्रिय त्यौहार हे जो जीवन के उत्साह को बढ़ाती हे रंग और खेल के मेल से यह त्यौहार बहुत ही मनोरम बन जाता हे जिससे उत्साह का वातावरण होता हे लेकिन होलिका दहन से कुछ दिन पहले जब से होलाष्ठक लगे हैं तब से मांगलिक कार्य बंद होते हैं और अगर इस समय कोई शुभ काम किया जाता हे तो वो अशुभ होता हे जैसे घर बनाने का मुहूर्त , नामकरण, हवन वगैरह नहीं होते हे और यदि कोई ऐसा करता हे तो वह शुभ नहीं माना जाता।
बहुत से लोग शाश्त्र के अनुसार पूजन ना कर मन मुताबिक़ अनुष्ठान करते हैं जिसका उन्हें फल नहीं मिलता इसलिए होली में भगवान् विष्णु का पूजन करना चाहिए और अपने शुभ काम की शुरुआत होलिका दहन के उपरान्त ही करें।हमारे इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आप सबका धन्यवाद और इस प्रकार की ओर भी रोचक खबरे जानने के लिए हमारी वेबसाइड ”Samchar buddy” से जुड़े रहे।