मजबूरी थी तो दूध बेचा, पिता के साथ बेचीं मिठाइयां भी, महिलाओ की समस्या के लिए शुरू किया था ये काम, आज बन गए है 30 हज़ार करोड़ के बैंक के मालिक

कहते है कि, संघर्ष से ज्यादा आपकी कामयाबी का असर होता है।और संघर्ष की कहानियां अक्सर आपके लिए लाते रहते है। और हम कोशिश करते है कि, आप उस संघर्ष से आप कुछ सीख सके। और आज की कहानी इतनी प्रेरणा देगी, कि आप उत्साहित हो उठोगे। वैसे आज की कहानी समर्पित है देश के सबसे प्रसिद्ध बैंको में शुमार बैंक बंधन बैंक की शुरुआत की। जिसे शुरू करने का श्रेय जाता है चंद्रशेखर घोष जी को। जिन्होंने दूध बेचकर पैसा भी कमाया। और मिठाईयां भी बेचीं है। और आज सफलता की ऊँची बुलंदियों को छू रहे है। और आज देश के सबसे जाने मने वाले बैंको में से एक भी है। जिसका नाम है बंधन बैंक। जो कि महिलाओ को लोन देने का काम करता है। व उनके सशक्तिकरण के लिए भी कार्य करते है।

चन्द्रशेखर घोष जी त्रिपुरा के अगरतला में रहती है।और घर की स्थिति बहुत खराब थी।
चन्द्रशेखर घोष जी त्रिपुरा के अगरतला में रहती है।और घर की स्थिति बहुत खराब थी।

त्रिपुरा में जन्मे है चंद्रेशखर घोष

बता दे कि, चन्द्रशेखर घोष जी त्रिपुरा के अगरतला में रहती है।और घर की स्थिति बहुत खराब थी। जिसके कारण उन्होंने बहुत सी मुश्किलों का सामना भी किया है। लेकिन उन्होंने मुश्किलों को कभी अपनी कमज़ोरी नहीं बनने दिया था। और कामयाबी की एक नई तस्वीर ही लिख डाली थी। चन्द्रशेखर के पिता चाहते थे कि वे पढ़ लिखे। लेकिन घर की हालत ठीक नहीं थी, तो उन्होंने मिठाईयों की दुकान में काम किया।

महीलाओ की सहायता के लिए शुरू किया था बंधन बैंक
महीलाओ की सहायता के लिए शुरू किया था बंधन बैंक

महीलाओ की सहायता के लिए शुरू किया था बंधन बैंक

बता दे कि, एक बार महिला सशक्तिकरण के लिए काम कर रहे विलेज वेलफेयर सोसाइटी नामक एक गैर सरकारी संगठन ने चंद्रशेखर घोष को कार्यक्रम प्रमुख के रूप में नियुक्त ज किया गया था। जहाँ पर उन्होंने छोटे छोटे गाँव की महिलाओ को समस्या से लड़ते भी देखा है । और ये भी देखा था ,कि किस तरह से माहिलाए पैसे ग्रुप में इक्क्ठे कर रहे है। बस वहीँ से उन्हें बंधन बैंक की नींव मिल गयी थी।

साल 2001 में शुरु हुआ था बंधन बैंक
साल 2001 में शुरु हुआ था बंधन बैंक

इसे भी अवश्य पढ़े:-बिटिया ने बोर्ड में 96 प्रतिशत मार्क्स लाकर सफल की माता पिता की तपस्या, माँ ने दुसरो के कपड़े धुले, तो पिता ने ऑटो चला

चंद्रशेखर घोष साल 2001 में शुरु हुआ था बंधन बैंक

महिलाओ की समस्या को देखते हुए उन्होंने साल 2001 में चंद्रशेखर ने बंधन बैंक की शुरुआत की थी। बता दे कि बंधन बैंक केवल महिलाओ को ही लोन उपलब्ध करवाता है। और उन्हें ही आर्थिक सहायता देता है। जिसके बाद महिलाओ के सशक्तिकरण के लिए कार्य करती है।

इसे भी अवश्य पढ़े:-“कितना भी पढ़ लो, रहोगे तो रिक्शा वाले ही”, ये कुछ ऐसे शब्द है, जो गोविंद को कुछ इस तरह चुभे कि, उन्होंने उसका दिया

ऐसे ही दिलचस्प किस्से जानने के लिए जुड़े रहिये  समाचार बडी के साथ, और हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करना न भुले

Join WhatsApp Channel
Join WhatsApp Join Telegram