एक चुटकी हींग का सेवन करने से : हींग सौंफ़ की प्रजाति का एक ईरान मूल का पौधा है। ये पौधे भूमध्यसागर क्षेत्र से लेकर मध्य एशिया तक में पैदा होते हैं। भारत में यह कश्मीर और पंजाब के कुछ हिस्सों में पैदा होता है।हींग पोधे के जड़ से निकाले गए रस से तैयार किया जाता है। जब रस निकाल लिया जाता है तो उसे प्रोसेस के माध्यम से गोंद और स्टार्च मिलाकर खाने वाले हींग के रूप में तैयार किया जाता है।इसी के छोटे छोटे टुकड़े कर बाजार में बेच दिया जाता है।हींग इम्यून सिस्टम बढ़ाने के लिए एक औषधि के रूप में काम करती है।हींग का पौधा गाजर और मूली के पौधों की श्रेणी में आता है।ठंडे और शुष्क वातावरण में इसका उत्पादन सबसे अच्छा होता है। पूरी दुनिया में हींग की क़रीब 130 किस्में हैं। इनमें से कुछ किस्में पंजाब, कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में उपजाई जाती है लेकिन इसकी मुख्य किस्म फेरुला एसाफोइटीडा भारत में नहीं पाई जाती है।
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हींग के पेड़ से हींग कैसे निकलती है|हींग का सेवन करने से
हींग के पौधे को जिस तरह अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती, ठीक उसी तरह इसे अधिक धूप की भी आवश्यकता नहीं होती। तेज धूप में रखने के बजाय सुबह वाली सनलाइट में इसे बाहर रख दें। 2 घंटे बाद इसे अंदर ले आएं और किसी छायादार जगह पर रख दें।इरेक्टाइल डिस्फंक्शन दूर कर बढ़ाए शारीरिक ताकत-एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुणों से भरपूर हींग का सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है। यूँ तो यह सभी के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है, परन्तु पुरुषों के शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए तो यह बहुत उपयोगी है।1
हींग पोधे के जड़ से निकाले गए रस से तैयार किया जाता है।जब रस निकाल लिया जाता है तो उसे प्रोसेस के माध्यम से गोंद और स्टार्च मिलाकर खाने वाले हींग के रूप में तैयार किया जाता है। इसी के छोटे छोटे टुकड़े कर बाजार में बेच दिया जाता है। हींग इम्यून सिस्टम बढ़ाने के लिए एक औषधि के रूप में काम करती है।
हींग का पौधा कहाँ मिलेगा?
हींग का पौधा गाजर और मूली के पौधों की श्रेणी में आता है। ठंडे और शुष्क वातावरण में इसका उत्पादन सबसे अच्छा होता है।पूरी दुनिया में हींग की क़रीब 130 किस्में हैं। इनमें से कुछ किस्में पंजाब, कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में उपजाई जाती है लेकिन इसकी मुख्य किस्म फेरुला एसाफोइटीडा भारत में नहीं पाई जाती है।
जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर इसकी खेती से किसान जुड़े रहे हैं।. इसकी खेती के लिए ठंडे वातावरण की जरूरत होती है।. अन्य प्रदेशों में इसकी खेती की जा सकती है कि नहीं, इसको लेकर फिलहाल वैज्ञानिकों का रिसर्च जारी है।
असली हींग कैसे पहचाने?
हींग की दो किस्में हैं: दूधिया सफेद हींग, या हिंग काबुली सफैद; और लाल हींग, या हिंग लाल, शेफ कोचरेकर ने कहा। उन्होंने कहा, “दोनों का उपयोग करी, अचार और सॉस में स्वाद के रूप में किया जाता है।” उन्होंने कहा कि हींग को “बहुत उच्च मूल्य का मसाला” माना जाता है।
हींग के रंग से भी आप असली और नकली हींग को पहचान सकते हैं।असली हींग का रंग लाइट ब्राउन होता है वहीं गर्म तेल में डालने पर असली हींग लाल रंग की हो जाती है ऐसे में हींग का कलर न बदलने पर समझ जाएं कि आपकी हींग नकली है।हमारे इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आप सबका धन्यवाद और इस प्रकार की ओर भी रोचक खबरे जानने के लिए हमारी वेबसाइड ”Samchar buddy” से जुड़े रहे।