आपने इसरो के अनुसंधान के बारे में तो ज़रूर सुना होगा। क्योकि वो न सिर्फ एक भारतीय अनुसंधान है। और एकमात्र भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान है। जो कि अंतरिक्ष संबंधी रिसर्च करते है। और अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित खोजे भी करते है। और नए नए तथ्यों को भी उजागर करते है। और इसरो एक ऐसा ही अनुसन्धान है, जो कि साल 2013 में दुनिया में पहली बार मंगल मिशन को सफल बना सका है। और इस अभियान को सही मायनो में सही किया है। और एक विश्व प्रेरणा स्थापित की है। वाकई ये सच है। क्योकि ऐसे बहुत ही कम अनुसन्धान होते है, जो पहली ही बार में सफलता ले पाते है। इसरो हर वर्ष किसी न किसी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए कुछ हुनरमंद विद्यार्थियों की तलाश करता है। और ओजस्वी लोगों के बारे में भी समझता है। आज के लिए इस लेख में हम एक ऐसे छोटे वैज्ञानिक हर्ष राजपूत के बारे में बात करने वाले है, जिसने महज़ 16 साल की उम्र में वो सफलता हासिल की है। जिसके बारे में बहुत कम लोग ही सोच पाते है। और सफल हो पाते है। और उस छात्र का नाम है हर्ष राजपुत। जिन्हे देश का पहला री-यूजेबल लांच व्हीकल राकेट “अटल यान” प्रोजेक्ट के लिए चयनित किया गया है।
बिहार से है हर्ष राजपूत
बता दे कि, हर्ष राजपूत बिहार के है। और एक गरीब परिवार से है। और वे बहुत ही होनहार है। और वाकई में बहुत होशियार भी है। और हर्ष का चयन इसरो अटल यान प्रोजेक्ट के लिए हुआ है। और सबसे खास बात तो ये है कि, हर्ष की उम्र केवल 16 साल है। इसरो और डीआरडीओ ने अटल यान आर्बिटएक्स इंडिया एरोस्पेस कंपनी को राकेट तैयार करने का जिम्मा सौंपा है। जो कि वाकई में बड़ी बात है।
इसे भी अवश्य पढ़े:-शादी के बाद पत्नी को हो गया किसी ओर से प्यार, पति को पता लगा, तो करा दी उसके प्रेमी से शादी, तीन बच्चो को छोड़कर चली गयी…
हर्ष ने किया एक अनोखे मास्क का निर्माण
हर्ष को शुरू से ही विज्ञान में रूचि रही है। और हर्ष राजपुत जी महज़ 16 साल के है। और हर्ष ने कोविड काल में बुजुर्गों का ध्यान रखते हुए ऐसा मास्क बनाया था, जिससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत ना हो। और उनके इसी काम के काऱण उन्हें आर्बिटएक्स से इंटर्नशिप का सर्टिफिकेट और अनुसंधानकर्ता का सर्टिफिकेट मिला है। और प्रतिभा का ज्ञान रखते हुए उन्हें इसरो में भी प्रोजेक्ट के लिए चुना है।
इसे भी अवश्य पढ़े:-चाहे बाइक के टायर हो, या फिर बुलडोज़र के, आसानी से मिनटों में ठीक कर देती है, “टायर स्पेशलिस्ट दीदी”, पिछले 18 सालो
ये लेख पढ़ने के लिए आपका आभार, ऐसे ही दिलचस्प खबरों के लिए जुड़े रहिये समाचार बडी से, धन्यवाद !