बोर्ड परीक्षाओ के परिणाम भी आये है। जिसमे कई बच्चो या छात्रों में टॉप स्थान हासिल किया है । लेकिन बहुत से युवा ऐसे भी है, जिन्होंने परीक्षा की तैयारी बहुत मेहनत से की है। लेकिन उनका परिणाम, उनकी मेहनत के अनुसार नहीं आया है। लेकिन भी बहुत ही कम ऐसे छात्र है, जो कि इसके न्याय माँगा था।और उन्हें अंत में 3 साल के बाद न्याय मिल गया है। और इसी के बाद भी उन्हें न्याय मिला है। और उनके 1 या नहीं 2 नहीं बल्कि पुरे 28 नंबर ज्यादा मिले है। दरअसल मध्य प्रदेश के शांतनु शुक्ला जी के 12 की परीक्षा के परिणाम के लिए उन्हें ऐसे उम्मीद थी, कि उनके 12 वी की परीक्षा में उन्हें शांतनु शुक्ला की मेहनत के हिसाब से नंबर नही मिले थे। जिसके बाद उन्होंने न्याय के लिए गुहार लगायी है। और उन्होंने लगातार 3 साल के लंबे इंतेज़ार के बाद न्याय मिल ही गया है। और इस बार उन्हें 28 नंबर जायदा मिले है। और 81प्रतिशत मार्क्स मिले है।
तय किया CBSC बोर्ड से न्यायालय तक का सफर
बता दे कि, शान्तनु शुक्ला जी ने कम मार्क्स आने के चलते न्याय के लिए गुहार लगायी है। और उन्ही सब करण के वजह से शान्तनु शुक्ला जी के न सिर्फ न्याय के लिए 3 साल तक की लड़ाई लड़ी है। और उसके अलावा उनका करीब इसमें 15,000 का खर्चा भी आ गया है। ऐसे में उन्हें परेशानी तो हुई है। लेकिन उनके इस लम्बे इंतज़ार का फल भी उन्हें मिला है।
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शांतनु शुक्ला 1 नंबर की जगह मिले 28 मार्क्स
बता दे कि, शांतनु के 12वीं की बोर्ड परीक्षा में पहले उसे 74.8% मार्क्स आए थे। जिसकी वजह से उन्हें प्रातिभा की स्कोलरशिप नहीं मिल पा रही थी। और उन्हें खुद भी भरोसा था कि उन्हें इतने कम नंबर नहीं मिल सकते है। क्योकिं उन्होंने एग्जाम में बेहतर किया है , जिसके वजह से उनकी अर्ज़ी लगाने के बाद न्यायालय ने उनकी करीब 40 पेशी क बाद दोबारा कॉपी की जांच करवाई थी। और अंत मे उन्हें न्याय मिल ही गया और 1 नंबर की जगह 28 नंबर मिल गये।
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