“इन बूढी आँखो में अब सिर्फ आंसू है”, एक बुजुर्ग की बातो से आहत होकर शुरू की मुफ्त टिफ़िन सर्विस, करते है 500 बेसहारा बुजुर्ग की सेवा

इस समाज में सेवा करने वाले लोगो की भी कमी नहीं है, जो बिना कोई स्वार्थ के अपना काम करते है। और कमाते है बहुत सी दुवाये। हमारे इसी समाज में बुजुर्ग वर्ग भी एक ऐसा वर्ग है, जिस पर कोई भी ध्यान नहीं देता है। और एक उम्र के बाद तो बस उनके खुद के बेटे बच्चे भी उन्हें नहीं पूछते है। जो कि एक सबसे बड़ी समस्या है ,और इसलिए उन्हें इस उम्र में भी वृद्धा आश्रम का सहारा लेना पड़ा है। और इसलिए देश में आज भी इतने सारे बेहसरा बुजुर्ग है, जिन्हे उनके बच्चो के द्वारा ठुकरा दिया जाता है। और वे रोने के सिवाए कुछ नहीं कर पाते है। पर ये समझ नहीं आता है कि एक माता पिता जीवन भर अपने बच्चे को जीवन भर पाल पोसकर बड़ा करते है। लेकिन वही औलाद ज़रूरत पड़ने पर उन्हें नहीं पूछती है। और इसी कारण से इन बुजुर्गो को दया की भीख मांगनी पड़ती है। और आज हम एक मसीहा के बारे में बताने जा रहे है। जो न जाने कितने बेसहारा बुजुर्गो को सहारा देकर दुआ कमा रहा है। और इसी लिए वो इतना खास है। उनका नाम है उदय मोदी। जो कि पेशे से एक डॉक्टर हैं, और उदय मोदी गुजरात के रहने वाले है।

उदय जी ने ये टीफिन सर्विस की शुरुआत की थी। और आज भी वो करीब 500 गरीब और बेसहारा बुजुर्ग की सेवा कर रहे है।
उदय जी ने ये टीफिन सर्विस की शुरुआत की थी। और आज भी वो करीब 500 गरीब और बेसहारा बुजुर्ग की सेवा कर रहे है।

मुफ्त Shravan Tiffin Service चलाते है उदय मोदी

बता दे कि, डॉक्टर उदय मोदी जी Shravan Tiffin Service मुफ्त सेवा चलाते है। और यही नहीं बल्कि वो इन्हे मुफ्त सेवा भी देते है। और पिछले कई सालो से बेसहारा बुजुर्गो की सेवा कर रहे रहे है। और करीब 500 बेसहारा बुजुर्गो को रोज मुफ्त में टिफ़िन सेवा उपलब्ध करवाते है। और उनकी फ्री में सेवा भी कर रहे है। और इन सब मे हर महीने करीब 3 लाख तक का खर्च आजाता है।

उदय मोदी जी जो कि पेशे से एक डाक्टर है।
उदय मोदी जी जो कि पेशे से एक डाक्टर है।

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 ऐसे सोचा था बुजुर्ग की सेवा के बारे में

उदय मोदी जी जो कि पेशे से एक डाक्टर है। उनके क्लिनिक में एक बार एक गरीब बूढ़ा आदमी आया था। और फिर वह रोने लगा था। उसने उन्हें बताया कि “मेरे तीन बेटे है, कोई मुझे साथ रखने को तैयार नहीं है”। मेरी पत्नी को लकवा है ,. और मेरे पास इलाज के लिए पैसे नहीं है।” इस घटना ने उदय जी को बहुत आहत किया। और अंदर तक झंजोड़ दिया था। जिसके बाद उदय जी ने ये टीफिन सर्विस की शुरुआत की थी। और आज भी वो करीब 500 गरीब और बेसहारा बुजुर्ग की सेवा कर रहे है।

माता पिता जीवन भर अपने बच्चे को जीवन भर पाल पोसकर बड़ा करते है। लेकिन वही औलाद ज़रूरत पड़ने पर उन्हें नहीं पूछती है।
माता पिता जीवन भर अपने बच्चे को जीवन भर पाल पोसकर बड़ा करते है। लेकिन वही औलाद ज़रूरत पड़ने पर उन्हें नहीं पूछती है।

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