मां शब्द सुनते ही आपके दिमाग में आपकी मां की तस्वीर आ गई होगी ।मां ऐसी होती है जो कि हमें दुनिया की सारी खुशियां और हमें हमेशा बहुत ही सुरक्षित रखती हैं। उनकी गोद से ज्यादा सुरक्षित जगह इस दुनिया में कोई नहीं माना जाता ।मां की ममता की मिसाल , हम आए दिन देखते रहते हैं। कभी किसी मां ने अपने बच्चे को शेर के मुंह से बचा लिया , तो कभी अपने बच्चे को गिरने से बचा लिया ।कभी मां ने अपने बच्चे को मौत से लड़कर वापस ले आई । तो कभी किसी मां ने किसी दूसरे के बच्चे को स्तनपान कराया ।जी हां दोस्तों आज हम आपको ऐसे ही ममता से भरी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
दोस्तों ममता से भरी इस घटना की शुरुआत होती है ,चेवायूर थाने से ।जहां एक पति और पत्नी के बीच लड़ाई होने के कारण उसका पति नवजात शिशु को जो उसी का बच्चा होता है ,उसे लेकर बेंगलुरु के तरफ भाग जाता है। उसकी मां इस बात की खबर चेवायुर पुलिस थाने में केस दर्ज करवा कर के देती है। केस दर्ज होने के बाद चेवायूर थाने की पुलिस कर्मी तुरंत वायनाड पुलिस थाने में बात करते हैं ।और औरत के पति को ढूंढने के लिए बोलते हैं ,उस औरत का पति बठेरी जो कि केरल और कर्नाटका के बॉर्डर पर है ,वहां मिलता है बच्चे को पुलिसकर्मी अपनी सुरक्षा मेंं ले लेते हैं।
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बच्चे की नाजुक स्थिति (स्तनपान)
क्योंकि बच्चा अभी नवजात शिशु था ,उसका बीपी बहुत ही जल्दी गिर रहा था ।बीपी लो होने के कारण बच्चे की जान पर बन आई थी। और बच्चा भूख से भी बहुत ही ज्यादा तड़प रहा था। ऐसी स्थिति में एम आर रामया नाम की एक पुलिसकर्मी ने अपना स्तनपान करा कर ,उस बच्चे की जान बचाई ।जी हां दोस्तों आखिर मां तो मां होती है। किसी का भी बच्चा क्यों ना हो, वह हर बच्चे का दर्द समझती है ।जी हां दोस्तों ऐसे ही इस मां ने उस बच्चे को स्तनपान करा कर उसकी जान बचाई।
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इस पुलिसकर्मी को मिली सराहना
एम आर रमैया की इस कार्य के बाद हाईकोर्ट के आदेश से ,उसके वरिष्ठ अफसरों के द्वारा अवार्ड दिया गया।” गुड फेस ऑफ पुलिस अवार्ड” भी दिया गया इस सम्मान के समय उसका पूरा परिवार मौजूद था ।और सब बहुत खुश थे। एम आर रमैया के कारण ही उस नवजात शिशु को एक नई जिंदगी मिली है ।वह नवजात शिशु अपनी मां के पास पूरी तरह सुरक्षित है। एक बार फिर से ममता की एक अनूठी घटना ने ममता का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है ,जिससे एक बार फिर से दिल से सभी मांओं को सलाम है।
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