“सच में माँ जैसा कोई नहीं”, मौत के मुँह से छीन लायी अपने बच्चे को ये माँ, उठाकर ले गया था तेंदुआ, माँ ने पीछा कर छुड़ा लिया अपना लाल

कहते है कि माँ के जैसा कोई नहीं है। और ये बात तो जग जाहिर है। कि एक माँ अपने बच्चे के लिए वक़्त आने पर सब कुछ कर सकती है। और चाहे तो जान दे भी भी सकती है।और जान ले भी सकती है। और इसलिए माँ हर तरह से माँ पूजनीय है। माँ भगवान की वो सूंदर रचना है। और भगवान हर जगह नहीं पहुंच सकते है। तो इसलिए उन्होंने माँ को ही बना दिया। जो न सिर्फ दर्द सहकर हमे जन्म देती है। और हमारी हर तरह से रक्षा भी करती है। और एक माँ वक़्त आने पर हमें हर मुसीबत से बचती है। और हमारा हर सम्भव ख्याल रखती है। और वक़्त आने पर हमरे लिए हर रूप भी ले सकती है। और एक माँ न जाने कितने किरदार अदा करती है और हर माँ सम्मानित होती है। और आदर के लायक भी होती है। और दुनिया में ऐसी कई बहादुर महिलाए है, जिन्होंने एक अच्छी माँ होते हुए भी अपनी एक बहादुर माँ होने का प्रमाण दिया है। और एक ऐसी ही कहानी बहादुर माँ की खबर भी आयी है। जो कि, मध्य प्रदेश की बताई जा रही है। जिसके बेटे को एक रात तेंदुआ उठाकर ले गया था। और उस बच्चे की माँ उसके पीछे लगभग 1 किलोमीटर भागी और तेंदुए के जबड़े से अपने बेटे को ले आयी।

टाइगर बफर जोन का है गाँव
टाइगर बफर जोन का है गाँव

टाइगर बफर जोन का है गाँव

दरसल मध्य मध्य प्रदेश के आदिवासी के कुछ लोग जंगलो में रह रहे थे। और सीधी जिले के कुसमी ब्लॉक के संजय टाइगर बफर जोन में टाइगर का आना हो ही जाता है। क्योकि ये क्षेत्र घने जंगलो और पहाड़ी इलाके में बसा हुआ है। और खूंखार जानवर और ठंडे भी वह रहते है। जिसके वह से पूरा आदिवासी जाति समाज तेंदुए के डर डर कर रहने को मजबूर है।

 बच्चे की माँ उसके पीछे लगभग 1 किलोमीटर भागी और तेंदुए के जबड़े से अपने बेटे को ले आयी।
बच्चे की माँ उसके पीछे लगभग 1 किलोमीटर भागी और तेंदुए के जबड़े से अपने बेटे को ले आयी।

इसे भी अवश्य पढ़े:-“इन बूढी आँखो में अब सिर्फ आंसू है”, एक बुजुर्ग की बातो से आहत होकर शुरू की मुफ्त टिफ़िन सर्विस, करते है 500 बेसहारा…

बहादुर माँ एक किलोमीटर तक भागी थी तेंदुए के पीछे

ये बहादुर माँ अपने बेटे को बचाने की जद्दो जेहत में उस तेंदुए के पीछे लगभग 1 किलोमीटर तल भांति रही थी। और तेंदुए के जबड़े से अपने लाल को बचाकर ले ही आयी थी। इस दौरान इस मुठभेड़ में बच्चे के शरीर पर बहुत से निशान थे। और बच्चा काफी हद तक घायल भी हो गया है।

एक किलोमीटर तक भागी थी तेंदुए के पीछे
एक किलोमीटर तक भागी थी तेंदुए के पीछे

इसे भी अवश्य पढ़े:-45 साल के बाद मिला इस परिवार को मिला सौभाग्य, बिटिया के जन्म पर सभी ने मनायी खुशिया, ढोल नगाड़े के साथ डोली में लाकर

इस प्रकार की ओर भी रोचक खबरे जानने के लिए हमारी वेबसाइड Samchar buddy .जुड़े रहे।

Join WhatsApp Channel
Join WhatsApp Join Telegram