सड़को पर भीख मांगते हुए बच्चो के हाथ से कटोरा छीनकर थमा दी कलम और किताब, सलाम है इस सिपाही को

शिक्षा एक ऐसा हथियार है, जिसके बल पर हम हर मुसीबत से लड़ सकते है। और उसी के बलबूते पर हम हर जंग भी जीत सकते हे। और इस दुनिया में ऐसे बहुत से लोग होते है, जो शिक्षा के लिए कार्य करते है। और कुछ अच्छा और नया बदलाव लाने का भी प्रयास करते है। और वे इसके लिए अपने खुद के स्वार्थ को इन सबसे बहुत परे रखते है। वैसे आज की हमारी कहानी भी शिक्षा से ही जुडी हुई है। एक ऐसी लौ जलायी थी एक सिपाही ने। आज वो अपना उजाला हर ओर दे रही है। और इसी के चलते वे शिक्षा के सिपाही भी बन गए है। और एक अलग ही रूप में अपनी ड्यूटी निभा रहे है। वे दो तरह से देश सेवा कर रहे है। और बेहद ही अनोखे तरीके से अपना कर्तव्य भी निभा रहे है, और दूसरा वे शिक्षा के लिए अपनी भागीदारी भी निभा रहे है। और इसी के चलते रोहित कुमार ने गरीब बच्चो के लिए फ्री में शिक्षा बांटने का भी निर्णय किया है। जिस उन्होने नाम दिया है, “हर हाथ में कलम पाठशाला” ! और इसमें वो बहुत से गरीब बच्चो को फ्री में शिक्षा देते है। और मुफ्त में भोजन भी करवाते है। वाकई ही में ऐसे सिपाहियों को हमारा सलाम है।

हर हाथ में कलम पाठशाला की स्थापना
हर हाथ में कलम पाठशाला की स्थापना

हर हाथ में कलम पाठशाला की स्थापना

उन्नाव में कुछ समय पहले पोस्टेड सिपाही रोहित कुमार जी ने पूरी ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाया था। और यही नहीं उन्होंने पूर्ण निष्ठा से अपने कर्तव्य को निभाते हुए देश सेवा में एक अहम योगदान अदा किया है। उन्होने पिछले चार साल लो के दौरान गाँव के गरीब बच्चो के लिए फ्री में “हर हाथ में कलम पाठशाला” की शुरुआत की है ,जिसके बाद उनकी इस पाठशाला में कई गरीब घर के बच्चे मुफ्त में शिक्षा के लिए आते थे। और इन सबके दौरान जब पाठशाला के सभी बच्चो को उनसे लगाव भी हो गया है। और उनकी विदाई पर सभी रोने लगे।

ट्रैन स्टेशन पर भीख मांग रहे बच्चो का बदल रहे है जीवन
ट्रैन स्टेशन पर भीख मांग रहे बच्चो का बदल रहे है जीवन

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रोहित कुमार ट्रैन स्टेशन पर भीख मांग रहे बच्चो का बदल रहे है जीवन

रोहित कुमार नाम के इस सिपाही ने जब बच्चो को रेलवे स्टेशन पर भीख मांगते हुए देखा था , और तभी से उन्हें पढ़ाने का निर्णय लिया था। और आज उनकी पाठशाला में कई गरीब भीख मांगने वाले बच्चे पढ़ रहे हे।

बच्चो के हाथ से कटोरा छीनकर थमा दी कलम
बच्चो के हाथ से कटोरा छीनकर थमा दी कलम

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