आजकल शिक्षा लेना बहुत महंगा हो गया है। बदलते वक़्त के साथ सीखने के नए नए तरीकों में भी बदलाव आया है। और तो और शिक्षा पाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म भी अवेलेबल है उसमें चाहे बात byjus की हो, या अनआकादेमी की ही हो, हर तरह से आपको आगे बढ़ने के लिए रास्ते मिल ही जायेंगे। और आजकल के युवा भले ही काफी एडवांस हो गए है, और शिक्षा पाने के लिए पुरज़ोर प्रयास करते रहते है, क्योकि स्कूली शिक्षा तो माता पिता करवा ही देते है। लेकिन उसके बाद की शिक्षा और आगे के राह के लिए रास्ता ढूंढ़ने लगते है। और खासकर अगर मध्यम परिवार के युवा की बात हो तो उनके लिए सबसे बड़ी समस्या होती है पैसो की। और गाइडेन्स की , जो कि उन्हें काफी मुश्किल में डाल देती है, और एक ऐसे ही परिवार से थे दामिनी महाजन जिन्होंने न सिर्फ स्वयं शिक्षा ली और अपने ही जैसे युवाओं के लिए शुरू किया जुगाड़ प्लाटफॉर्म, शुरुआत की।
ऐसी है दामिनी महाजन की कहानी
दामिनी महाजन जम्मू कश्मीर की रहने वाली है। वही पर जनमायी हुई है। और शुरू से ही उन्होंने स्टडी के लिए संघर्ष किया है। क्योकि वो एक मध्यम परिवार से रही है, और दामिनी महाजन सबसे पहले अंग्रेजी सीखने की कोशिश की और इंस्टिट्यूट ज्वाइन कर लिया। और वो पढ़ाई में काफी अच्छी थे, और शुरू से ही कुछ अलग करना चाहती थी। और इसलिए उन्होंने जम्मू से बाहर गयी और पढ़ाई करने लगी, और स्कोलरशिप की तलाश की। और इस दौरान ये पाया कि हमारे जैसी और भी कई छात्र ऐसे हैं जो स्कोलरशिप की वजह से हायर एजुकेशन नहीं ले पा रहे थे।
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दामिनी महाजन ने बनाया कमज़ोर छात्रों के लिए बनाया ये प्लेटफार्म
दामिनी महाजन ने अपनी शिक्षा के दौरान कई ऐसे छात्रों को देखा, जो कि पढ़ने के इच्छुक तो थे, लेकिन आर्थिक कमज़ोरी की वजह से वो पढाई नहीं कर पा रहे थे। और इन सबके समाधान हेतु दामिनी महाजन और उनके दोस्त कृष्ण अर्जुन ने एक प्लेटफार्म साइट की शुरुआत की जिसका नाम था we make scholers की शुरुआत की। और इसमें उन्होंने स्कोलरशिप के लिए अप्लाई कैसे कर सकते है / कौन सी स्कोलरशिप सही होती है आदि प्रश्नो के सही जवाब मिल जाता है।
दामिनी ने सोशल मीडिया से की थी शुरुआत
दामिनी महाजन और कृष्ण ने महत्वपूर्ण जानकारियां साझा करने के लिए सोशल मीडिया पर फेसबुक पेज बनाये थे, जिस पर उन्होंने महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की, जिसको बहुत से युवाओं ने सराहा। बहुत प्यार मिला, और फिर उन्होंने इसे बिज़नेस करने के उद्देश्य से लांच किया। उन्होंने we make schloers com नाम की साइट साल 2015 में लांच किया।
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