कठिनाईयाँ भी उसी की परीक्षा लेती है, जो कि उसे हंसकर पार करना जानता है। और ये बात बिलकुल सही है कि मुश्किलों में ही इम्तिहान होता है। चाहे कुछ भी हो जए, मुश्किलें भी तभी हार मानती है। जब हम उससे हरा देते है। जिसके लिए चाहिए होता है, बहुत सा होंसला और हिम्मत। चाहे फिर कोई तूफ़ान ही क्यों न आ जाए। जो हिम्मत करता है। और सिर्फ अपंने सपनो पर ध्यान देता है। मुश्किलें भी वही से हट जाती है ,और आगे बढ़ने देती है। एक अलग ही पहचान बनने में आपकी मदद करता है। आज की कहानी है मुंबई के रहने वाले उशीक महेश गाला की। जिन्होंने भी मुश्किलों का सामना कुछ इस तरह से किया कि एक नई पहचान बनाकर ही निखरकर सामने आये है। वो घर से मात्र 311 रुपए लेकर निकले थे। और उन्होंने बिज़नेस की शुरुआत की थी। लेकिन कुछ ही समय के बाद उन्होंने लगातार मेहनत की। और स्वयं से ही करीब 650 करोड़ो का बिज़नेस खड़ा कर चुके है।
पिता से समझा था व्यवसाय के नियम
उशीक गाला एक बिज़नेस फेमिली से जुड़े हुए है ,और उनके पिता का एक लघु था। जिससे उन्हें उनके पिता से व्यवसाय के गुणों को समझने की शिक्षा भी मिल गयी थी। और 2007-08 का समय उनकी फेमिली के लिए बहुत ही बुरा रहा था, क्योकि उस समय पर आर्थिक मंडी का दौर चल रहा था। और उनके परिवार के लिए भी मुश्किलों भरा समय था। क्योकि मंडी जैसी घटना किसी भी व्यापार के होती है। और आर्थिक रूप से न सिर्फ़ देश को कहानी होती है। बल्कि व्यवसाय को भी नुकसान होता है।
2010 में शुरू किया खुद का बुसिनेस
2008 के आर्थिक मंदी के बाद उशीक महेश गाला जी ने अपने खुद के बिज़नेस की शुरुआत साल 2010 की अर्थव्यवस्था भी आर्थिक मंदी से उभरने लगी थी। और काफी हद तक स्थिति भी सही होने लगी थी , और इसी समय में महेश ने भी अपने बिज़नेस को शुरू करने के लिए सोचा। और शुरुआत की। और उनकी जेब में सिर्फ 311 रुपए थे। उन्ही पैसो के साथ उन्होंने अपने बिज़नेस की शुरुआत की थी।
इसे भी अवश्य पढ़े:-साधारण जीवन है, और उच्च व्यापार, दादा के साथ बेचते थे कभी कपड़े, और आज दे रहे है फैशन को नई पहचान
उशीक महेश गाला शुरू किया दुल्हन के परिधान का काम
साल 2012 में महेश गाला ने दुल्हन के परिधान का काम की शुरुआत की। जिसमे उन्होंने बहुत ही अनोखे डिज़ाइन के साथ खुद को मार्किट में उतारा। और अपने काम को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने खुद के एक ब्रांड की कर दी। जिसमे सुमाया लाइफस्टाइल के नाम से एक उद्यम की भी शुरुआत कर दी। जिसके टर्न ओवर आज तक के हिसाब से करीब 650 करोड़ रुपेय हो चुका है।
इसे भी अवश्य पढ़े:-नेत्रहीनता की बाधा में माँ को बना लिया आँखे, यूपीएसी की तैयारी की, माँ ने लिखी कॉपी, और बन गए देश के 7 वे टॉपर
ऐसे ही दिलचस्प किस्से जानने के लिए जुड़े रहिये समाचार बडी के साथ, और हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करना न भूले