अंग्रेज़ों की गुलामी के समय खुली एक छोटी सी दुकान बन गयी दुनिया का सबसे बड़ा ब्रांड, कुछ ऐसी है कहानी हल्दीराम की

आपने स्नैक्स और नमकीन ब्रांड्स के कई नाम ज़रूर सुने होंगे। और खाए भी ज़रूर होंगे। और आपने हल्दीराम के स्नैक्स भी ज़रूर चखे होंगे। जो कि अपनी भुजिया के लिए क़ाफी प्रसिद्ध है। और हल्दीराम ब्रांड सालों से भारतीयों के दिलो में राज कर रहा है। सबसे खास बात तो ये है की इसकी शुरुआत एक साधारण सी दुकान से हुई थी। और उस वक़्त भारत अंग्रेज़ों का गुलाम हुआ करता था। और आज हम आपको एक साधारण सी दुकान से दुनिया का सबसे बढ़िया नंबर वन बनने की कहानी बताने जा रहे है। कि कैसे ये हल्दीराम कुछ पैसो से आज करीब 3000 करोड़ का व्यापार तक पहुँचा है।

एक छोटी सी भुजिया की दुकान से हल्दीराम आज एक ब्रांड बन चुका है
एक छोटी सी भुजिया की दुकान से हल्दीराम आज एक ब्रांड बन चुका है

हल्दीराम की कहानी है राजस्थान के बीकानेर की

हल्दीराम की कहानी की शुरुआत होती है उन्ही के घर से। ये बात तबकी है जब भारत के कई गरीब परिवार अंग्रेज़ो की गुलामी से गुज़र रहे थे। और इन सब का हिस्सा था एक बनिया परिवार भी। जो कि अपनी रोज़ी रोटी चलाने के लिए काफी जद्दो जहद कर रहा था। परिवार के मुखिया तनसुखदास जी, जो कि रोज़ परिवार का खर्चा चलाने के लिए कड़ी मेहनत करते थे। और उनकी मामूली सी आमदनी से किसी तरह परिवार की रोज़ी रोटी चल रही थी। वह भुजिया बनाकर बेचते थे ,और उसी से उनके घर का खर्चा चलता था उनके बेटे भीकाराम अग्र्रवाल जी हमेशा से ही कुछ नया करना चाहते थे। वो काफी मेहनती थे।

भीकाराम ने इसी भुजिया को एक नया रूप और नया स्वाद देते हुए दुकान पर बेचा
भीकाराम ने इसी भुजिया को एक नया रूप और नया स्वाद देते हुए दुकान पर बेचा

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हल्दीराम ने भुजिया को दिया एक नया रूप

भीकाराम (हल्दीराम) ने भुजिया बनाना अपनी बहन भीकी से सीखा था। उनकी बहन जब भी घर पर आती थी। तो भुजिया लेकर आती थी। और सब उसे बड़े चाव से खाते थे। और भीकाराम ने भुजिया को एक नया रूप और नया स्वाद देते हुए दुकान पर बेचा । और लोगों को उनका ये प्रयोग काफी पसंद आया। और लोगों भुजिया काफी पसंद आने लगी। और फिर कुछ समय के बाद देखते ही देखते इस छोटी सी दुकान ने एक ब्रांड का रूप ले लिया। और बन गया हल्दीराम ब्रांड। हल्दीराम भीकाराम जी का ही दूसरा नाम था। और उनके ही नाम से ये ब्रांड आगे बढ़ने लगा।

हल्दीराम का इतना नाम होने लगा कि धीरे धीरे सब जगह पर इसकी डिमांड बहुत बढ़ने लगी
हल्दीराम का इतना नाम होने लगा कि धीरे धीरे सब जगह पर इसकी डिमांड बहुत बढ़ने लगी

धीरे धीरे फ़ैलने लगा व्यापार

हल्दीराम का इतना नाम होने लगा कि धीरे धीरे सब जगह पर इसकी डिमांड बहुत बढ़ने लगी। और तो आउटर हल्दीराम ने नमकीन भी बनाई शुरु की, और बहुत से वैरायटी रखी। और साथ ही शुरू किया मिठाई का काम भी और आज ये बिज़नेस देश के ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फैला हुआ है। और कभी छोटी सी दुकान से होने वाली आना आमदनी आज करोड़ो से भी ऊपर है। और साल 2016 में इस ब्रांड रेवेनुए 4000 करोड़ के लगभग था। और अगले आने वाले सालों में इसका टारगेट है ब्रांड का रेवेन्यु को 15000 करोड़ तक ले जाना।

 हल्दीराम कुछ पैसो से आज करीब 3000 करोड़ का व्यापर तक पहुँचा है।
हल्दीराम कुछ पैसो से आज करीब 3000 करोड़ का व्यापर तक पहुँचा है।

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