जन्म ऐसा मिला कि, दोनों हाथ नहीं मिले, भीख मांगकर चलता था काम, लेकिन अब पैरो से पेंटिंग बनाकर कमाती है लाखो, अब चलाती है घर का पूरा खर्च

हम इंसान भी कितना असहाय हो जाते है कई बार, लेकिन हालातों से लड़कर आगे बढ़ना हमारे ही हाथो में होता है। फिर चाहे कुछ भी हो जाए, हम अक्सर किसी न किसी वजह से खुद को कमज़ोर बना लेते है। और कुछ लोग दुनिया में ऐसे भी होते है कि वह खुद को उन्ही मजबूरियों के चलते मजबूर बना लेते है , और ताकत बनाते है। और एक अलग ही प्रेरणा स्थापित करते है। आज हम जो कहानी आपके लिए लेकर आये है, वह सुनकर आपको जीवन के असली संघर्ष ज्ञात हो जाएगा। क्योकि ये कहानी है अंजना माली की। जो कि जीवन के आरम्भ से ही दोनों हाथो से अपाहिज है। लेकिन ये अपने पेंटिंग के हुनर से ड्राइंग करती है। और उसी से मिले खर्चे को घर में गुज़ारा करती है।

जीवन के आरम्भ से ही दोनों हाथो से अपाहिज है। लेकिन ये अपने पेंटिंग के हुनर से ड्राइंग करती है।
जीवन के आरम्भ से ही दोनों हाथो से अपाहिज है। लेकिन ये अपने पेंटिंग के हुनर से ड्राइंग करती है।

उत्तराखंड ऋषिकेश से है अंजना माली

बता दे कि, अंजना माली उत्तराखंड के ऋषिकेश की रहने वाली है। और बेहद ही गरीब परिवार में उनका जन्म हुआ है। जिसके कारण उन्हें बहुत सी परेशनियो का सामना भी करना पड़ा था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी थी। और सफलता की एक नयी तस्वीर हो कर दी है। उनके भले ही हाथ नहीं है , लेकिन उन्होंने अपनी इस कमी को स्वीकारते हुए ईश्वर को इस जन्म के लिए भी धन्यवाद दिया है।

करती है पैरो से चित्रकारी
करती है पैरो से चित्रकारी

करती है पैरो से चित्रकारी

बता दे कि, अंजना पहले साधारणतः भीख मांगती थी, जिससे उनका गुज़ारा हो जाया करता था। लेकिन उन्हें पेंटिंग का बहुत ही शोक था। और उनके इसी हुनर की पहचान एक विदेशी महिला स्टैफनी ने कर ली। थी जो कि, ऋषिकेश घूमने आयी थी। उन्होंने उसे पैरो से एक चारकोल के टुकड़े से कुछ बनाते हुए देखा। और वो तभी उसके ड्रॉईंग के हुनर को पहचान गयी थी। और उसके बाद स्टेफनी ने ही उसे ड्राइंग करनी सीखायी। और फिर अंजना ने भी पैरो की मदद से बहुत ही कम समय में सुंदर चित्रकारी करना शुरू कर दिया।

फरिश्ता मानती है स्टेफनी को अंजना
फरिश्ता मानती है स्टेफनी को अंजना

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फरिश्ता मानती है स्टेफनी को अंजना

वाकई ही अगर इंसान सच्चा हो, तो भगवान भी किसी ने किसी को माध्यम बनाकर मदद के लिए भेज ही देते है। और अंजना के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। वो स्टेफनी को एक फ़रिश्ते की तरह मानती है। उन्होंने ही अंजना को पेंटिंग करने के लिए प्रेरित किया , और अंजना ने भी अब तरह तरह की सुंदर पेंटिंग्स बनाकर अच्छी कमाई कर लेते है , और अब उन्हें भीख नहीं मांगनी पड़ती है।

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