अपना पूरा जीवन लगा दिया योग साधना में, 125 साल की उम्र में भी सीखा रहे है जीवन के मायने

हाल ही में बीती 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश ने 128 महान विभूतियों को पदम् श्री से सम्म्मानित करने के लिए स्वामी शिवानंद का नाम प्रस्तावित किये। जिसमें करीब 128 महान लोगों का नाम प्रस्तावित था, और योगरत्न महान विभूति श्री स्वामी शिवानन्द का नाम भी शामिल हैं। बता दे प्रवेश मिलते ही में बीते सोमवार को स्वामी शिवानन्द जी को पदम् श्री सम्म्मान से सम्मानित किया गया। और उनके प्रवेश से पूरा राज भवन तालियो की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। और उनका सरल स्वभाव सभी को भा गया, स्वयं देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ने भी उन्हें प्रणाम किया और उनका सम्म्मान किया।

कौन है स्वामी शिवानंद
कौन है स्वामी शिवानंद

कौन है स्वामी शिवानंद

125 साल के हो चुके स्वामी शिवानंद भले ही उम्र के इस पड़ाव पर है, लेकिन आज भी स्वयं सरल जीवन जीते है। और यही बात उन्हें विशेष बनाती है। और वो जब पदम् श्री लेने के लिए राजभवन आय थे, तो सबसे खास बात थी उनका नंगे पाओ चलकर आना। और सम्मान प्राप्त करने से पहले शाष्टांग प्रणाम करना, और इसी बात के सभी कायल हो गए है, और उनकी तारीफ कर रहे हैं।

बचपन में ही हो गया था माता पिता का निधन

स्वामी शिवानंद का जन्म 8 अगस्त 1896 को भारत के (सिलहट जिले जो की अब बांग्लादेश में है) में हुआ था। और स्वामी शिवानंद जी 6 साल के थे, तो उन्होंने अपने माता पिता को खो दिया था, और उनका जीवन बहुत ही गरीबी में गुज़रा था, और माता पिता की मौत स्वामी जी के बचपन में ही हो गइ थी, तब उन्हें कोई सुध नहीं थी, वो बस 6 साल के थे।

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स्वयं देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ने भी उन्हें प्रणाम किया और उनका सम्म्मान किया।
स्वयं देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ने भी उन्हें प्रणाम किया और उनका सम्म्मान किया।

गुरु ओंकारानंद गोस्वामी ने किया पालन पोषण

माता पिता की मृत्यु के बाद स्वामी शिवानंद को आश्रम ले जाया गया। जहाँ पर उनका पालन पोषण ओंकारानंद गोस्वामी जी ने किया था। और उन्ही ने उन्हें पाला पोसा और बड़ा किया। गुरु ओंकारानंद गोस्वामी जी का आश्रम पश्चिम बंगाल में स्तिथ है।

स्वामी शिवानंद को 50 वर्षों कर रहे है भिखारी आश्रमों में सेवा

स्वामी शिवानंद पिछले 50 वर्षों से कुष्ट प्रभावित भिखारियों की सेवा कर रहे है। और करीब 400 से 600 कुष्ट प्रभावित भिखारियों की सेवा उनके आश्रम में मिलकर सेवा कर रहे है। स्वामी शिवानंद जी को साल 2019 में योग रत्न पुरुस्कार से भी से भी सम्मानित किया जा चुका है।सबसे बड़ी और हैरानी की बात तो ये है कि 125 साल के होने पर भी स्वामी शिवानंद जी ने कोविड टीकाकरण करवाया, और दुनिया के लिए एक मिसाल भी पेश कर रहे है, और उम्र के इस पड़ाव में भी योग करके स्वयं और दुनिया को स्वस्थ रहने का राज़ बता रहे है।

किया गया पदम् श्री से सम्मानित
किया गया पदम् श्री से सम्मानित

स्वामी शिवानंद को किया गया पदम् श्री से सम्मानित

125 साल की उम्र में स्वामी शिवानंद को भारत के सर्व श्रेष्ठ पुरुस्कार से भी सम्मानित किया चुका है, और पुरुस्कार प्राप्त करने से पूर्व उन्होंने साष्टांग प्रणाम किया, और मोदी जी ने भी झुककर उनका आदर किया। और फिर स्वामी शिवानन्द जी ने राष्ट्रपति जी श्री राम नाथ कोविंद जी को भी प्रणाम किया पुरुस्कार प्राप्त किया।

सम्मान प्राप्त करने से पहले शाष्टांग प्रणाम करना
सम्मान प्राप्त करने से पहले शाष्टांग प्रणाम करना

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