आपने वो आलिया भट्ट की राज़ी फिल्म तो देखी होगी न ?जिसमे आलिया भट्ट ने सहमत का किरदार अदा किया था। और आपको सहमत खान के बारे में पता होगा, जिसने पाकिस्तान में जाकर भारतीय सेना के लिए जासूसी की थी। और कई महत्वपूर्ण तथ्य जुटाए थे, और इंडियन आर्मी की मदद की थी। लेकिन सहमत खान के जैसे ही ओर भी बहादुर देश प्रेमी पहले भी ऐसे पाकिस्तान के घर में ही रहकर भारतीय सेना के जवानो की मदद की है। भारत के “ब्लैक टाइगर” कहे जाने वाले रविंद्र कौशिक ऐसा ही एक नाम है। उन्होंने न सिर्फ दुश्मन के किले में रहकर भारतीय सेना की मदद की, बल्कि खुद पाकिस्तानी सेना में भी भर्ती हुए। और दुश्मन की कई रणनीतियो को समझकर उनकी जानकारी भारत तक पहुंचायी।
अभिनेता थे रविंद्र कौशिक और फिर जासूस
पाकिस्तान देश की सीमा से सटे हुए गंगानगर में रह रहे एक पंजाबी परिवार में रविंद्र कौशिक का जन्म हुआ था। और उनका जन्म एक साधारण से परिवार में हुआ था। और उन्होंने कभी नहीं सोचा था, कि वो भारत के लिए जासूस बनेंगे।
और उनके अंदर एक अभिनेता ने जन्म लिया। वो बचपन से ही अपने आसपास के लोगों की नक़ल करते थे। और तभी से उनके अंदर एक्टिंग करने का जूनून पैदा हो गया था।
इस तरह बन गए अभिनेता से जासूस
दरसल रविंद्र कौशिक अभिनय सीखने के लिए नेशनल ड्रामा प्रेजेंटेशन के लिए लखनऊ गए थे। और वहां पर उन्होंने एक नाटक में भाग लिया था। जो कि चीन और भारत के हालातों पर आधारित थी। और उस नाटक को देखने के लिए इंडियन आर्मी के कुछ अधिकारी भी वहां पर पहुंचे थे। उस वक़्त तक भारत में रॉ एजेंसी भी स्थापित हो गयी थी। और अधिकारयों ने प्रभावित होकर रविंद्र को रॉ एजेंसी ज्वाइन करने के लिए न्योता देते है ,जिसे रविंद्र मना नहीं कर पाए। और यही से उनके जासूसी करियर की शुरुआत होती है।
1975 में पहुंचे पाकिस्तान
रविंद्र ने रॉ एजेंसी ज्वाइन करते ही सबसे खतरनाक मिशन ज्वाइन कर लिया था। और उन्हें पाकिस्तान भेजा था ,वहां पर जाते ही उन्होंने अपनी पहचान बदलकर रविंद्र नबी अहमद शेख बन गए। और पकिस्तान में ही लॉ की डिग्री लेकर पाकिस्तानी आर्मी ज्वाइन कर ली। और उन्होंने पुरे मन से किसी को बिना शक हुए ट्रेनिंग ली और मेजर भी बन गए।
इसे भी अवश्य पढ़े:-छोटी सी उम्र में पिता के साथ बेचा करते थे खैनी, गरीबी में गुज़रा बचपन, मेहनत करके पायी सफलता, और बन गए आईएएस अफसर
20 हज़ार सेनिको की रक्षा की
क्योकि रविंद्र कौशिक पाकिस्तानी आर्मी के मेजर थे, तो उन्हें हर खुफ़िया जानकारी होती थी, जिसकी मदद से पाकिस्तान के असली इरादों को जान पाए। और इंडियन आर्मी मे जानकरी भेजते रहे। और सबसे महत्वपूर्ण बात तो तब हुई जब पकिस्तानी आर्मी के भारत के लगभग 20 हज़ार सेनिको पर हमले की जानकरी मिली, तो उन्होंने उनके हमले से पहले ही उन भरतीय सेनिको को वहां से जानकारी पहुंचकर हटवा दिया और उनकी जान बचाई।
इसे भी अवश्य पढ़े:- 65 साल के बुजुर्ग ने बना डाली मॉडर्न इलेक्ट्रिक कार, मात्र 5 रुपए में चलेगी 60 किलोमीटरइस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद , ऐसे ही दिलचस्प किस्से जानने के लिए जुड़े रहिये samacharbuddy के साथ, और हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करना न भूले