प्रतिभा देश के किसी भी कोने से निकलकर आ सकती है ,फिर चाहे कोई छोटा सा ही गाँव ही क्यों न हो, हुनर को यदि मौका मिल जाय, तो वो चमकता ज़रूर है, और खुद को साबित ज़रूर करता है। यूपीएसी की परीक्षा का क्रेज आज हर युवा का सर चढ़कर बोल रहा है। क्योकि यही एक ऐसी सत्यनिष्ठा वाली जॉब है, जिसमे आपको समाज में न सिर्फ इज्जत मिलती है, बल्कि एक स्थान भी मिलता है। और देश के ऐसे कई युवा है, जो गरीबी के अँधेरे से लड़कर सफलता का उजाला लाते है। और अपने परिवार की ही नहीं, बल्कि समाज के लिए भी कार्यरत होते है। और ऐसे में बेटिया भी किसी से कम नहीं है। ऐसी ही एक बेटी है दिव्या शक्ति, जो कि बिहार के एक छोटे से गाँव की रहने वाले है, और उन्होंने पहले तो एक नौकरी की, लेकिन बाद में समाज की सेवा करने के उद्देश्य से उन्होंने आईएएस के बनने के बारे में सोचा, और न सिर्फ सोचा, बल्कि पूरी मेहनत से उसे प्राप्त भी किया। और 79वी रैंक के साथ टॉप भी किया।
बिहार में जन्मी है दिव्या शक्ति
बिहार के जलालपुर गाँव में जन्मी दिव्या बचपन से ही बहुत होशियार थी। और पढ़ने में बहुत अच्छी थी। और उनके पिता जी मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक है। दिव्या ने डीपीएस बोकारो से PCM में 90% के मार्क्स के साथ 12वी पास की। और फिर उन्होंने राजस्थान बिट्स पिलानी से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन किया। लेकिन उन्होंने अपना मास्टर्स इकोनॉमिक्स से किया। उनका भूगोल में अच्छी रूचि थी ,इसलिए उन्होंने तैयारी के समय भूगोल लिया।
सोचा नहीं था आईएएस बनने का
दिव्या ने मास्टर्स खत्म करने के बाद जॉब भी की। लेकिन वो जीवन में कुछ करना चाहती थी। जिसके लिए उनके रिश्तेदारों और उनके माता पिता ने भी उन्हें यूपीएसी की तैयारी करने की सलाह थी। क्योकि दिव्या पढ़ाई में अच्छी थी, तो उन पर सभी को भरोसा था कि, वो कुछ न कुछ हासिल कर लेंगी। और उन्होंने किया भी। दिव्या ने पूरी मेहनत से यूपीएसी की परीक्षा पास कर ली।
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79 वी रैंक के साथ पास किया यूपीएसी एग्जाम
दिव्या ने दिल्ली से 6 माह की कॉचिंग लेने के बाद सेल्फ स्टडी करके यूपीएसी की तैयारी की। और फिर उन्होंने पुरे तरह से अपने आप को इस तैयारी में झोक दिया। और मेहनत से यूपीएसी की परीक्षा पास की। और न सिर्फ पास किया बल्कि 79 वी रैंक के साथ टॉप भी किया।
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